नई दिल्ली: उत्तराखण्ड में पीडीएफ कोटे से राज्य सरकार में मंत्री दिनेश धनै ने आज इंडिया संवाद से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी इसे लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। इसे तो जनता को तय करना है कि आने वाले वक़्त में सरकार की कमान किसके हाथ में रहती है। राज्य में सहयोगी पीडीएफ और कांग्रेस संगठन के बीच जमकर खीचातानी चल रही है।
धनै का टिहरी पर एकतरफ़ा राज
दरअसल कुछ दिनों से टिहरी में लगातार सक्रिय रहे कांग्रेस संगठन अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के लिए लगातार परेशानी बढ़ती जा रही है. किशोर उपाध्याय की सियासी ज़मीन टिहरी ही रही है और वे पहले भी यहां से विधायक रह चुके हैं. लेकिन पीडीएफ कोटे से मंत्री दिनेश धने ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ने किशोर उपाध्याय को यहीं से शिकस्त दी थी. जिसके बाद वह सरकार में शामिल भी हुए और मंत्री भी बने. टिहरी में मंत्री धनै का कॉफी दबदबा है।
धनै की सीएम हरीश रावत से नज़दीकी भी से छिपी नही है. अब मंत्री धनै ने साफ कर दिया है कि वे टिहरी से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे जो कि किशोर उपाध्याय के उस इरादे पर पानी फिर सकता है, जिसमें वे टिहरी से चुनाव लड़ने की सोच रहे थे. दिनेश धनै की बात करें तो धनै ने स्थानीय लोगों को रोज़गार के साथ ही क्षेत्र में लगातार मौजूदगी के चलते भी किशोर के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. माना जा रहा है दिनेश धनै के इस बयान से टिहरी की सियासी जंग और दिलचस्प होने वाली है. इन सब के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यही कि पीसीसी चीफ जाएंगे कहां और कहां से वे चुनाव लड़ेंगे.