नई दिल्ली : यूपी में इस बार विधानसभा चुनाव में अपना मुस्लिम ट्रंप कार्ड खेल ने की रणनीति तैयार कर चुकीं बसपा सुप्रीमो मायावती को अब यह अहसास होने लगा है कि उनका वोट बैंक खिसक कर सपा में जा सकता है. जिसके चलते आनन- फानन में शनिवार को माया ने भागते वोटर को रोकने के लिए नया पैतरा फेंकते हुए कहा है कि सपा सरकार में मुस्लिमों और दलितों पर जमकर अत्याचार हुए, फिर भी आगामी चुनाव में समाजवादी पार्टी इन दोनों का समर्थन पाने का ख़्वाब देख रही है.
सपा से घबराई माया ने बुलाई प्रेस वार्ता
लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम के तत्काल बाद मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और केंद्र की बीजेपी सरकार समेत समाजवादी पार्टी पर वो जमकर बरसीं. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि सपा को ग़लतफ़हमी है कि उसे मुसलमानों का सर्मथन मिलेगा. उनका कहना था कि इसी सरकार के कार्यकाल में मुज़फ़्फ़रनगर, आज़मगढ़ समेत कई दंगे हुए.
गुंडागर्दी न होती तो रथ यात्रा की जरुरत नहीं पड़ती
मायावती ने बीजेपी को दलित विरोधी क़रार देते हुए कहा कि उनके शासन काल में रोहित वेमुला जैसे निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है और सरकार दोषियों को बचाने में लगी है. हाल के दिनों में मायावती बार-बार मुसलमानों से कहती रही हैं कि वो सपा और दूसरे दलों को वोट देकर उसे बर्बाद न करें. उनके मुताबिक़ ऐसा करने पर भारतीय जनता पार्टी को फ़ायदा होगा. उन्होंने आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी की चार साल की सरकार अपराधियों और गुंडों की सरकार रही है, जिसमें बहनें और बेटियां तक सुरक्षित नहीं रहीं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने काम किया होता तो आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रथ यात्रा न निकालनी पड़ती.
बीजेपी को होगा सपा के गठबंधन से लाभ
बसपा सुप्रीमो ने कथित महागठबंधन पर भी जमकर प्रहार किया और कहा कि महागठबंधन को तोड़ने का काम समाजवादी पार्टी ने ही किया था और अब वही उस गठबंधन के लिए भटक रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग महागठबंधन के लिए कोशिशें कर रहे हैं, उनका उत्तर प्रदेश में कोई जनाधार नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन को लेकर जो भी क़वायद हो रही है, उन सबसे भारतीय जनता पार्टी को ही लाभ होगा.