देहरादून: देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड में एक मिथक है कि जो भी मुख्यमंत्री न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में रहा वह अपना कार्यकाल पूरा न कर सका. जी हां, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को (29 मार्च) विधिवत पूजा अर्चना के साथ इसमें प्रवेश किया। हरीश रावत अपने ढाई साल के मुख्यमंत्री काल इस आवास में रहने के लिये आए ही नहीं। क्योंकि रावत से पहले मुख्यमंत्री बने विजय बहुगुणा इसमें रहने गये थे लेकिन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी यहां रहे लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये थे। उनके बाद सितंबर, 2011 में दोबारा मुख्यमंत्री बने भुवन चंद्र खंडूरी इस आवास में गये ही नहीं। शायद इन्हीं वजहों से यह धारणा बन गई कि यह आवास मुख्यमंत्री के लिये अशुभ है और इसमें रहने वाला मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता। लेकिन टीआरएस तो सबसे जुदा हैं, क्या शुभ क्या अशुभ, पूजा अर्चना कराई और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपनी पत्नी सुनीता रावत, दोनों पुत्रियों और अन्य परिजनों सहित मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश कर लिया। उनके गृह प्रवेश के अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धनसिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, मुख्य सचिव एस. रामास्वामी सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।
गृह प्रवेश के बाद मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश में पानी की कमी को देखते हुए आवास में बनाए गए तरणताल को भी बंद करने के निर्देश दिए। बता दें कि आरएसएस के पूर्व प्रचारक त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उत्तराखंड में भाजपा ने विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल किया था। 70 सीटों में से भाजपा ने 56 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। राज्य में अब तक के इतिहास में न केवल भाजपा, बल्कि किसी भी दल के लिए ये सबसे बड़ा आंकड़ा है। देहरादून में न्यू केंट रोड पर मुख्यमंत्री आवास बनाने के लिए 27 कऱोड खर्च किये गए।