देहरादून : उत्तरप्रदेश के बाद अब उत्तराखण्ड में भी सरकारी सम्पति से राज्य के अफसरों का मोह ख़त्म नही हो पा रहा है। उत्तराखण्ड में कलेक्टर और बड़े पुलिस अफसरों ने तबादले के बाद भी राजधानी देहरादून सहित दो-दो जगहों पर सरकारी बंगलों पर कब्ज़ा किया हुआ है। अब उत्तराखंड के राज्य सम्पति विभाग ने ऐसे अफसरों को सरकारी बंगलों से जल्द बेदखल करने का प्लान तैयार कर लिया है। उत्तराखण्ड राज्य सम्पति विभाग के प्रमुख विनय शंकर पांडे का कहना है कि उन्होंने ऐसे अफसरों को तत्काल 15 दिन के अंदर सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस जारी किया हैं।
बता दें कि विनय शंकर पाण्डे का नाम उत्तराखंड के ईमानदार आईएएस अफसरों में गिना जाता है और फिलहाल उनके पास उत्तराखंड में खनन के कारोबार में मची लूट पर लगाम लगाने का भी जिम्मा है। उन्होंने कहा कि अगर नोटिस के बाद भी देहरादून के सरकारी आवास खाली नहीं किये गए तो इन अधिकारियों की सेलरी से किराया काटा जाएगा।
जिन चार बड़े अफसरों का नाम सरकारी बंगले खाली नही करने में आ रहे हैं उनमे अल्मोड़ा जिले के डीएम सविन बंसल भी शामिल हैं। सेविन बंसल को अल्मोड़ा में भी डीएम कोठी मिली है लेकिन बंसल ने राजधानी देहरादून में मिले अपने पुराने सरकारी आवास पर भी कब्ज़ा जमाया हुआ है। ऐसे दूसरे अफसरों में हरिद्वार के एसएसपी राजीव स्वरूप भी शामिल हैं जिन्हें हरिद्वार में आलीशान बंगला मिला है लेकिन उन्होंने देहरादून में भी अभी सरकारी कोठी खाली नहीं की है।
आईएएस अधिकारी सोनिका और रिटायर्ड अपर सचिव विनोद चंद्र रावत भी देहरादून में सरकारी बंगलों पर काबिज हैं। अधिकारियों द्वारा दो-दो जगह सरकारी बंगले हथियाने से उत्तराखंड में हालात ये हो गए हैं कि कई जरुरतमंद अधिकारियों को रहने का ठिकाना नहीं मिल पा रहा है। इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के आदेश दिए हैं।