देहरादून : पहाड़ी राज्य उत्तराखंड शराब की खपत के मामले में सबसे आगे माना जाता है। वहीँ उत्तराखंड सरकार की कमाई का सबसे बड़ा जरिया भी शराब ही है। आंकड़ों के अनुसार राज्य के स्टेट राजमार्गों पर उपस्थित राजमार्गों से ही सरकार को 200 करोड़ रूपये मिलते हैं।
उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से शराब के खिलाफ आंदोलन जोरों पर है और महिलाएं इसमें सबसे बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं। जबकि उत्तराखंड की नई सरकार शराब की दुकानों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। उत्तराखड में हाईकोर्ट ने तीन जिलों में शराब की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया तो उत्तराखंड सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दिया।
सरकार ने स्टेट हाईवे को बना दिया जिला मार्ग
उत्तराखंड में पिछली काँग्रेस सरकार पर भी शराब नीति को लेकर खूब आरोप लगे थे और अब उत्तराखंड की नई बीजेपी सरकार भी उसी राह पर चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले आदेश दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग से शराब के ठेकों को हटा जाए। साथ ही कहा था कि हर राज्य सरकार इसे सख्ती से लागू करें।
64 स्टेट हाइवे वाले उत्तराखंड की नई सरकार ने स्टेट राजमार्गों पर स्थित शराब की दुकानों को बचाने के लिए राज्य के स्टेट हाईवे को ही जिला मार्ग में तब्दील कर दिया। कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि राज्य के 92 नगर निगम, नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें जिनके दायरे में स्टेट हाईवे है। अब यह जिला मार्ग के नाम पर जाने जायेंगे।