लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब बीजेपी का ध्यान छठे चरण के चुनाव को लेकर दिखाई दे रहा है. जिसके चलते बीजेपी ने पूर्वांचल में वोट के धुर्वीकरण को लेकर नयी रणनीति तैयार की है. बताया जाता है कि पूर्वांचल में जहां पार्टी के तमाम शीर्ष नेता प्रचार में जुटे हुए हैं, वहीँ आखिरी दो चरणों से पहले अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी में इस बड़ी रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए उतारने की तैयारी है.
संघ ने सौंपी पीएम को जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक चुनाव के अंतिम चरणों में पूर्वांचल में वोट का धुर्वीकरण किया जा सके. इसके लिए बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने बड़ी योजना तैयार की है. पार्टी के जानकार सूत्रों की मानें तो इस योजना को पहले अन्य नेताओं के द्वारा अमलीजामा पहनाने की तैयारी की गयी थी, लेकिन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ बीजेपी नेताओं की इस बात पर राजी नहीं हुआ और उसने इस बात पर अपनी नाराजगी जताते हुए यह बात साफ कर दी है कि यदि पीएम इस योजना को अमलीजामा पहनाने उतरेंगे तो इससे बीजेपी को अधिक लाभ होगा. नतीजतन पीएम नरेन्द्र मोदी को इस काम कि जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
योजना ले लिए पीएम मोदी ही क्यों ?
जिसके चलते पीएम मोदी 4 और 5 मार्च को वाराणसी में सभा करेंगे. वे 5 मार्च की रात वाराणसी में रुक भी सकते हैं. 4 मार्च की शाम को बीएचयू एयरपोर्ट में उतरकर काशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगे. फिर शाम 7 बजे रैली करेंगे. 5 मार्च को पीएम मोदी दक्षिण वाराणसी विधानसभा में रैली करेंगे. मालूम हो कि दक्षिण वाराणसी विधानसभा सीट से सात बार विधायक चुने गए बीजेपी के कद्दावर नेता श्याम देव राय चौधरी का टिकट काटे जाने को लेकर यहां बीजेपी के कार्यकर्ता और स्थानीय जनता पार्टी से बहुत नाराज है. दरअसल स्थानीय जनता में दादा नाम से जाने -जाने वाले श्यामदेव राय का जनता से सीधे जुड़ाव है. इसलिए संघ के नेताओं का मानना है कि यह बात किसी और नेता से नहीं बन सकेगी. पीएम नरेन्द्र मोदी अगर इस योजना को अमलीजामा पहनाएंगे तो बीजेपी को पूर्वांचल में इसका भरपूर लाभ मिलेगा.
वाराणसी से पूर्वांचल को साधने की तैयारी में बीजेपी जुटी
सूत्रों के मुताबिक वाराणसी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है और पूर्वांचल का केंद्र बिंदु भी. इसलिए वाराणसी में पीएम मोदी को उतारकर बीजेपी पूर्वांचल में अपने प्रचार को रफ्तार देने की तैयारी में है. आखिरी दो चरणों में बीजेपी कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती. ध्यान रहे पूर्वांचल से जिसकी 170 सीटें आती हैं. यूपी में वहीं दल सत्ता में आता है जिसने पूर्वांचल में अपना दमखम दिखा दिया हो. बहरहाल इसीलिए बीजेपी यह मौका अपने हाथ से गंवाना नहीं चाहती.