पटना : 10 वीं पास एक युवक डॉक्टर बनकर पीएमसीएच के बर्न वार्ड में मरीजों का इलाज करने के दौरान सोमवार को गिरफ्तार हो गया। सब्जीबाग की मस्जिद गली निवासी मो. अख्तर का 23 साल के बेटे आसिफ के पास से पुलिस ने स्टेथेस्कोप, दस्ताना, रुई, सूई समेत अन्य मेडिकल उपकरणों के साथ एक मोबाइल और एक सिम बरामद किया। उसके साथ एक महिला भी थी, लेकिन पुलिस की भनक लगते ही वह फरार हो गई। आसिफ और वह महिला कई माह से प्रसूति, बर्न टाटा वार्ड में घूम-घूमकर मरीजों का इलाज कर रहा था। वह मरीजों को यहां से निजी नर्सिंग होम भी ले जाता था।
आसिफ ने पहले तो धौंस दिखाया, फिर हकीकत बयां कर दी
दरअसल सोमवार को लगभग चार बजे आसिफ स्टेथेस्कोप, रूई, सूई अन्य मेडिकल किट के साथ बर्न वार्ड पहुंचा। वह वहां मरीजों का इलाज कर रहा था। कई मरीजों से उसने इलाज के लिए कुछ पैसे भी लिए। इसी बीच किसी मरीज के परिजन को उसपर शक हो गया। उसने पीएमसीएच प्रशासन और पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस और प्रशासन वहां पहुंच गई. पूछताछ की गई तो उसने पहले चकमा दे दिया, कहा- डोंट टच मी, आई एम एमबीबीएस डॉक्टर. लेकिन थोड़ी देर में ही उसने हकीकत बता दी. मरीज के परिजनों ने बताया कि 15 दिन पहले वह कैंसर मरीज के इलाज के नाम पर उसके परिजनों अन्य लोगों से पैसा भी वसूल रहा था.
वार्ड में पहुंचते ही संदेह हो गया था
पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. दीपक टंडन ने कहा कि फर्जी डॉक्टर ने गले में स्टेथेस्कोप लटका रखा था। इससे गार्ड को लगा होगा कि डॉक्टर या मेडिकल छात्र होगा। हालांकि उसके वार्ड में पहुंचते ही संदेह हो गया था और पुलिस को इसकी सूचना मिल गई थी। इसके पहले भी अस्पताल में दलाल पकड़े गए हैं। इतना बड़ा अस्पताल है। दलाल जुगाड़ बैठा ही लेते हैं।
वह मरीजों को यहां से निजी नर्सिंग होम भी ले जाता था। दलाली के रूप में उसे निजी नर्सिंग होम संचालक हरेक मरीज पर 500 से 1000 रुपए रुपए देते थे। पीएमसीएच प्रशासन उस महिला का सीसीटीवी से पता लगा रही है। पीएमसीएच के अधीक्षक लखींद्र प्रसाद ने आसिफ के खिलाफ पीएमसीएच टीओपी में लिखित आवेदन दिया है। पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है। पीरबहोर थानेदार कैसर आलम ने बताया कि आसिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ करने में पुलिस जुटी है।