नई दिल्ली : भारतीय बैंकों के 9000 हजार करोड़ लेकर भागे कारोबारी विजय माल्या को स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार कर लिया है। इसे भारत की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। क्या विजय माल्या का प्रत्यर्पण किया जायेगा या नहीं यह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करेगा।
विदेश मंत्री से आग्रह किया जाएगा, जो इस बात का फ़ैसला करता है कि इसे सर्टिफ़ाई किया जाए या नहीं
जज निर्णय करता है कि गिरफ़्तारी के लिए वारंट जारी किया जाए या नहीं
विदेश मंत्री फ़ैसला करता है कि प्रत्यर्पण का आदेश दिया जाए या नहीं
जज निर्णय करता है कि गिरफ़्तारी के लिए वारंट जारी किया जाए या नहीं
इसके बाद शुरुआती सुनवाई होगी
फिर बारी आएगी प्रत्यर्पण सुनवाई की
विदेश मंत्री फ़ैसला करता है कि प्रत्यर्पण का आदेश दिया जाए या नहीं
आग्रह करने वाले देश को क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) को आग्रह का शुरुआती मसौदा सौंपने के लिए कहा जाता है, ताकि बाद में कोई दिक्कत पेश ना आए
पहले ब्रिटिश गृह मंत्रालय की इंटरनेशनल क्रिमिनलिटी यूनिट इस आग्रह पर विचार करती है. अगर दुरुस्त पाया जाता है, तो इसे आग्रह अदालत को बढ़ा दिया जाता है.
अगर अदालत सहमत होती है कि पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई गई है, तो गिरफ़्तारी वारंट जारी किया जाएगा. इसमें व्यक्ति विशेष से जुड़ी सारी जानकारी
गिरफ़्तारी के बाद शुरुआती सुनवाई और प्रत्यर्पण सुनवाई होती है। सुनवाई पूरी होने के बाद जज संतुष्ट होता है तो मामले को विदेश मंत्रालय को बढ़ा दिया जाता है।
अगर प्रत्यर्पण के बाद व्यक्ति के ख़िलाफ़ सज़ा-ए-मौत का फ़ैसला आने का डर हो तो
अगर आग्रह करने वाले देश के साथ कोई विशेष इंतज़ाम हो तो
अगर व्यक्ति को किसी तीसरे मुल्क़ से ब्रिटेन में प्रत्यर्पित किया गया हो तो