पटियाला : नाभा जेल ब्रेक मामले में पटियाला पुलिस की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पता चला है, 13 फरवरी को गांव ढूढीके में एक घर से पकड़े गए गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों उसके तीन साथी यहां काफी दिनों से छुपे हुए थे. वोटिंग के तुरंत बाद ही यहां गए थे. जबकि उस दिन पुलिस ने मीडिया को बताया था कि ये सभी 13 फरवरी को ही गांव ढूढीके आए थे. यही नहीं सेखों के साथ गैंगस्टर विक्की गौंडर, हैरी चट्ठा, अमनदीप धोतियां, प्रेमा लाहौरिया और उनकी मदद करने वाले राजविंदर सिंह राजा उर्फ सुलतान, मनवीर सिंह सेखों तथा कुलविंदर सिंह सिडाना भी थे. लेकिन ये रेड से पहले ही कहीं चले गए थे. इसलिए पुलिस के हाथ नहीं लगे. पुलिस ने जिस घर से इन चार गैंगस्टरों को पकड़ा है. वह आम आदमी पार्टी के समर्थक एनआरआई कुलतार सिंह गोल्डी का है. इन्हें यहां सेखों के रिश्ते में साला लगते गुरिंदर सिंह गुरी ने ठहराया था. गोल्डी की गुरी से मुलाकात एक जिम में हुई थी. यहीं से दोस्त बन गए. अब पुलिस ने गोल्डी और गुरी निवासी दशमेश नगर मोगा पर भी गैंगस्टर्स को पनाह देने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है.
सेखों के साले गुरी के कहने पर गोल्डी ने गैंगस्टर्स को अपने घर में छुपा रखा था
मोगाके एसएसपी गुरप्रीत सिंह तूर ने बताया, जांच में पता चला है कि जिस समय गैंगस्टर सेखों उसके साथी पंजाब में अपने छुपने का ठिकाना तलाश रहे थे, ठीक उसी समय सेखों के एक रिश्तेदार की गोल्डी से जिम में दोस्ती हुई. गुरी के कहने पर गोल्डी उन्हें अपने ढुडीके के घर में रखने को मान गया था. गैंगस्टर्स कब से यहां थे, कौन-कौन थे, यह जांच का विषय है. हां, उस समय या उससे
पहले और भी गैंगस्टर वहां थे, यह पटियाला की स्वैट टीम को पता चला है.
पुलिस जानती थी, चुनाव बाद गैंगस्टर्स राजस्थान से पंजाब आएंगे, पर किस रास्ते ये नहीं पता था पुलिस सूत्रों के मुताबिक 27 नवंबर, 2016 को हुए नाभा जेल ब्रेक कांड के बाद पटियाला पुलिस द्वारा बनाई गई एसआईटी को भनक लग गई थी कि चुनाव के बाद गैंगस्टर पंजाब में एंटर करेंगे परंतु पुलिस को यह पता नहीं चल रहा था कि वो राजस्थान से किस तरफ से आएंगे. इसी बीच गैंगस्टर्स और उनके साथी राजस्थान से पंजाब में रहने लगे. स्वैट की आईटी टीम की मदद से पुलिस को ठिकाने की भनक लगी और 13 फरवरी को पुलिस ने रेड कर दी.
गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों और विक्की गौंडर नाभा जेल ब्रेक में शामिल हैं. गोल्डी के घर में रहते हुए इन्होंने मोगा के पंजाब गन हाउस से हथियार खरीदे. 6 फरवरी को लुधियाना से वरना गाड़ी चुराई. 8 फरवरी को जीरा से एक और वरना गाड़ी चुराई. वो यहां रहकर जाली कागजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर विदेश (हांगकांग) भाग जाने की फिराक में थे. इससे पहले ही पटियाला पुलिस ने रेड कर सेखों उसके तीन साथियों को दबोच लिया. जबकि बाकी रेड से पहले ही कहीं चले गए थे.