नई दिल्लीः देश में गुजरात समेत कई राज्यों में दलितों के उत्पीड़न से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आहत भी हैं और उन्हें इस बात का अफसोस भी है कि इन घटनाओं को लेकर लोग उन पर क्यों निशाना साधते हैं। जबकि ये घटनाएं सीधे-सीधे कानून-व्यवस्था से जुड़ी हैं, और कानून व्यवस्था राज्यों के हाथ में है। मोदी बोले मैं नहीं जानता कि हम पर बेवजह निशाना साधने वाले ऐसे लोग क्या चाहते हैं मगर उनके विखंडनकारी क़त्य से देश का नुकसान जरूर होता है। मोदी ने निजी टीवी चैनल सीएनएन-न्यूज-18 को दिए इंटरव्यू में यह बातें कहीं।
भाजपा में कई दलित सांसद-विधायक
मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि लोग न जाने क्यों भाजपा को दलित विरोधी बताते हैं। जबकि हकीकत कुछ और है। इस कम्युनिटी से काफी एमपी और एमएलए पार्टी में हैं। हमने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती मनाई। संसद में डॉ. अंबेडकर के योगदान पर दो दिनों तक चर्चा हुई। सदियों से जिन लोगों के साथ नाइंसाफी हुई, उसे रोकने के लिए पूरे समाज को आगे आना होगा।
प्रधानमंत्री भी तो एक इंसान होता है
नरेंद्र मोदी से जब यह पूछा गया कि वह खुद को किस रूप में देखते हैं तो बोले कि वो भले ही प्रधानमंत्री, प्रधानसेवक या नरेंद्र मोदी हों, मगर एक इंसान भी तो हैं। देश में कोई भी अप्रिय घटना होती है तो उन्हें बहुत दुख होता है। मगर राज्यों को अपनी कानून व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी।
जो कुछ भी हूं, मीडिया का बड़ा रोल
नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू के दौरान राजनीति क सफर में मीडिया की बड़ी भूमिका स्वाकार की। बोले कि मीडिया ने उन्हें हमेशा तवज्जो दिया। यहां तक पहुंचने में मीडिया की भूमिका नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस दौरान पीएम ने अपनी सफलता के मूल मंत्र रिफॉर्म टू टॉंसफॉर्म का भी खुलासा किया।