वाशिंगटन : साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किये 'स्वच्छ भारत अभियान' को लेकर वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत को यह आईडिया उन्होंने मिस्र के उदाहरण से दिया था। 'इकॉनोमिक टाइम्स' की एक रिपोर्ट की माने तो वर्ल्ड बैंक के प्रेजिडेंट जिम योंग किम ने एक कार्यक्रम में कहा कि वर्ल्ड बैंक सफलता पूर्वक अपने ज्ञान और अनुभव से सूचनाएं पूरी दुनिया में प्रवाहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने जब वर्ल्ड बैंक मुख्यालय का दौरा किया तो साफ़ सफाई के मुद्दे पर हमने उनसे इजिप्ट (मिस्र) के स्वच्छता अभियान का जिक्र किया जिसके बाद उन्होंने स्वच्छ भारत की नींव रखी।
भारत सरकार ने जब साल 2014 में स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था तब इसका आधार यूएन की वह रिपोर्ट ही थी जिसमे कहा गया था कि भारत में 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच करती है, जिस कारण भारत में गंभीर बीमारियां फैलने ला खतरा बना हुआ है। वहीँ रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भारत अपनी साफ़ सफाई पर सिर्फ अपनी जीडीपी का 6.4 प्रतिशत हिस्सा खर्च करता है।
क्या है स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख समुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना। पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा।
यह कार्यक्रम पाँच साल अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। कार्यक्रम पर खर्च किये जाने वाले 62,009 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार की तरफ से 14623 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएगें। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले 14623 करोड़ रुपयों में से 7366 करोड़ रुपये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर,4,165 करोड़ रुपये व्यक्तिगत घरेलू शौचालय पर,1828 करोड़ रुपये जनजागरूकता पर और समुदाय शौचालय बनवाये जाने पर 655 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
इस कार्यक्रम खुले में शौच, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालय में परिवर्तित करने, मैला ढ़ोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वस्थ एवं स्वच्छता से जुड़ीं प्रथाओं के संबंध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना आदि शामिल हैं।