नई दिल्ली : कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धोनी का जलवा अब क्या कारपोरेट जगत से ख़त्म हो रहा है ? यह सवाल अब इसलिए क्योंकि एक-एक कर कई कारपोरेट कंपनियां अब एम एस धोनी से हाथ खींचते जा रही है। अब पेप्सिको ने भी धोनी से अपना 11 साल पुराना करार ख़त्म कर लिया है।
एडवरटाइजर्स में धोनी की पकड़ कैसे कमजोर होती जा रही है, पेप्सिको ने अपने फैसले से इस बात के साफ़ संकेत दिए हैं। धोनी साल 2014 में जहाँ टॉप 18 ब्रांड के विज्ञापन कर रहे थे वहीँ अब उनके पास मात्र 10 ब्रांड हैं। धोनी के पास साल 2014 तक पेप्सिको रिबॉक, बूस्ट, सोनी, टीवीएस, वीडियोकॉन जैसे कंपनियों के विज्ञापन थे।
धोनी पेप्सिको के साथ सबसे पहले साल 2005 में जुड़े थे। पेप्सिको के विज्ञापनों की खास पहचान यह रही है कि उसमे हमेशा स्पोर्ट के सेलिब्रिटी को ज्यादा महत्व दिया। फिलहाल भारतीय क्रिकेट के उभरते स्टार विराट कोहली पेप्सिको के विज्ञापनों में दिख रहे हैं। पेप्सिको के पास फ़िलहाल पेप्सी, लेज चिप्स और 7up जैसे ब्रांड हैं।
फोर्ब्स मैगज़ीन की मानें तो महेन्द्र सिंह धोनी विज्ञापनों के लिए सबसे ज्यादा फीस वसूलने वाले खिलाड़ियों में शामिल हैं। फोर्ब्स की माने तो धोनी ने क्रिकेट से कमाई जहाँ 40 लाख डॉलर है वहीँ विज्ञापनों से वो 1.70 करोड़ डॉलर की कमाई कर लेते हैं। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि कारपोरेट की दुनिया में अब कोहली का रूप विराट होता जा रहा है। जानकारों के अनुसार धोनी एक दिन के लिए दो करोड़ रूपये चार्ज करते हैं। वही धोनी फिलहाल 1.5 करोड़ ले रहे हैं।