मां बनना एक औरत को कुदरत का दिया हुआ सबसे अनमोल तोहफा है । बच्चे को नौ महीने गर्भ में महसूस करना और जन्म के बाद बाल लीलाओं का आनंद लेना सचमुच बहुत सुंदर एहसास है । बेशक डिलीवरी के टाइम पर कई हड्डियों के टूटने जैसा दर्द होता है लेकिन बच्चे का मुख देख कर एक औरत अपना सारा दर्द भूल जाती है।
मुझे जब पता चला कि मैं गर्भवती हूं तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा । अब जरूरत थी अच्छे खान-पान और देखभाल की ।
डेढ़ महीने पर मुझे सुबह एक बार उल्टी हुई जो कि पूरे गर्भकाल में फिर दोबारा नहीं हुई ।
खाना पीना भी नॉर्मल रहा । कोई ऐसा विशेष खाने की चीज को ना छोड़ा और ना ही कुछ विशेष चीज को खाया । उस समय आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तो रोज के फ्रूट और ड्रायफ्रूट तो नहीं खाऐ बस
वही रोज की सब्जी रोटी ।
शुरू के सभी महीने सामान्य रहे । सातवें महीने में पैरों में सूजन आ गई जो कि पूरे महीने तक रही । और आठवां महीना के शुरू होने पर सूजन ठीक हो गई । लेकिन बांया पैर रह गया । एक तड़क होती थी पैर में जिसके कारण में लंगड़ा कर चलती थी । जो की डिलीवरी तक रहा । कुल मिलाकर पूरे गर्भकाल में मुझे कोई विशेष परेशानी नहीं हुई । सब कुछ अच्छा रहा ।