अंशु को पहली सील्ड तब मिली जब वह पहली क्लास में थी ।
गणतंत्र दिवस आने वाला था । अंशु का ग्रुप डांस में सिलेक्शन हो गया था । वह बहुत ही एक्साइटेड थी और मैं भी।
उसका डांस ड्रेस था सफेद सलवार सूट, ऑरेंज दुपट्टा, हाथ में ऑरेंज वाइट ग्रीन चूड़ियां। चूड़ियां तो स्कूल टीचर ही लाईं थीं सभी बच्चों के लिए, पैसे जमा करवा लिए थे स्कूल में।
सलवार सूट मैंने खुद उसके लिए सिला था। गले के लिए चैन पैंडल लेकर आई थी मैं ।
उसका डांस स्कूल में होने के बाद तहसील के लिए सिलेक्ट हुआ था । जहां पर उनका ग्रुप सेकंड आया था ।
वह बता रही थी कि हमारा ग्रुप फर्स्ट ही आता लेकिन पीछे वाली एक लड़की जो गिरने वाली थी उसने सहारा लेने के लिए मुझे पकड़ लिया था।
और हम दोनों लड़खड़ा गए और डांस बिगड़ गया।
मैंने कहा कोई बात नहीं अभी तो शुरुआत है। आगे बहुत से चांस मिलेंगे और सचमुच वह हर क्लास में स्कूल के हर कंपटीशन में पार्ट लेती और डांस,सिंगिंग, मेहंदी ,रंगोली ,राइटिंग ,स्पोर्ट्स सभी में भाग लेती थी।
पढ़ाई डिस्टर्ब ना हो इस कारण कई बार में कंपटीशन में भाग लेने के लिए मना कर देती थी लेकिन वह फिर भी पार्ट लेती थी और कभी प्रथम कभी द्वितीय आती रहती । कई प्रमाण पत्र भी मिले हैं । जिन्हें मैंने संभाल कर रखा है।
खो खो टीम की कैप्टन बनकर विधायक कप का प्रथम पुरस्कार जीत कर लाई चमचमाती ट्राफी के साथ उसका फोटो न्यूज पेपर में आया था। वह दिन सचमुच हमारे लिए बहुत खुशी का दिन था।