जाने क्यों तेरे बगैर शाम उदास है आजकल ?
मिलता नही है चाँद भी लगता है आजकल।
खामोशी ही रहती है तन्हाई भी अक्सर
दिखता नही है पर लगता है, धुँआ का असर।
धुंधली सी तस्वीर दिखाई तो दे रही
बादल की धुंध का पड़ रहा असरम
धीरे धीरे हो रहा है शयाम प्रणय का असर
मैं मीरा तेरी दीवानी जानता है ये शहर।