मैने रिश्तों की दुनिया है पिरो डाली
फिर भी है मेरा घर खाली
तमाशबीन हैं शहर के लोग
अब तो लगता है शहर खाली
हम भी किसका इंतजार करें
अब हम किस पर एतबार करें
मेरे घर में दीप जलते हैं खाली
मेरे लिये बची है यादों की प्याली
परिदों ने भी आना छोड़ दिया अब तो...
मेरे शहर में दरख़्त बचा न है डाली
प्रेम का नगर बनाया था हमने
अब बची है प्रेम की तपिश खाली।