नई दिल्लीः यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने पैरोल उल्लंघन कर फरार कैदियों की निगरानी तेज की तो विभाग भी हरकत में आ गया है। आनन-फानन में प्रदेश की सभी जेलों से पैरोल तोड़कर फरार हुए कैदियों के मामले की रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसका असर बरेली सेंट्रल जेल में देखने को मिला है।
कैदी ने किया सरेंडर
जहां कई साल से फरार चल रहे तीन कैदियों का पता चला. अफसरों पर दबाव पड़ा तो इनमें से एक पैरोल तोड़कर 15 साल से फरार उम्रकैदी अपने आप जेल में हाजिर हो गया.
शाहजहांपुर निवासी वीरपाल, जिसके ठिकाने का 2002 से किसी को पता नहीं लग पा रहा था. सोमवार को अचानक को बरेली सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण करने पहुंच गया. वीरपाल हत्या के मामले में उम्र कैदी था और 2002 में पैरोल पर रिहा होने के बाद से ही फरार हो गया था. जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया कि कि वीरपाल अपने जन्म स्थान के आसपास छिपा था और स्थानीय पुलिस के दबाव में उसने बरेली सेन्ट्रल जेल आकर आत्मसमर्पण कर दिया है.
वीरपाल के अलावा दो अन्य कैदी अभी भी बरेली सेंट्रल जेल से काफी लंबे समय से पैरोल के बाद से फरार हैं. इनमें बुलंदशहर निवासी चन्द्रपाल यादव को कमांडिंग अधिकारी 8 माउंटेन डिवीजन सिंगल रेजिमेंट द्वारा 18 अक्टूबर 1974 को हत्या के आरोप में आर्मी एक्ट के तहत मृत्युदंड दिया गया था.