लखनऊ-: प्रदेश की योगी सरकार में अंततः उपमुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ही एक मात्र इतने जीवट के साहसी साबित हुए, जिन्होंने प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की हिंदू युवा वाहिनी का नाम लिये बिना ही प्रकारांतर से उसके खिलाफ बडे आक्रामक तरीके से प्रहार किया है। उनके इस गर्म उद्गार के समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मंच पर आसीन थे। केशव के भावोद्गार के समय मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ के चेहरे पर लगातार उतर चढ रहे भाव देखने के लायक थे। ऐसा लगा कि उन्होंने अपने उप मुख्य मंत्री की बात को बडी गंभीरता से लिया है। कार्यसमिति की इस बैठक में उपस्थित अन्य कई लोगों ने भी इसे सहजभाव से नहीं लिया।
उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिना रुके उसी लहजे में आगे कहा कि ‘इस बार उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कुछ लोग हमारे कार्यकर्ताओं को पीछे छोडकर लगातार आगे बढने का ही प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, मैं किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने दूंगा। मेरे रहते कार्यकर्ताओं के सम्मान पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने पायेगी। मैं कार्यकर्ताओं की पीठ में छुरा भोकने वालों को बख्शूंगा नहीं। वे चाहे कोई भी क्यों न हों। इस पर किसी भी प्रकार की टीकाटिप्पणी किये वगैर मुख्य मंत्री योगी मौन साध कर चुपयाप इसे सुनते ही रहे।
जानकार सू़त्रों की माने, तो पिछले सप्ताह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ योगी की हिंदू युवा वाहिनी की हुई बैठक को केशव प्रसाद मौर्य ने भी बडी संजीदगी के साथ से लिया था। पिछले कुछ दिनों से कई स्थानों पर हिंदू वाहिनी के संगठन और वर्चस्व के द्वारा जगह जगह इकाइयां गठित करने तथा स्थानीय प्रशासन पर वाहिनी के हावी होने की खबरें आ रही थीं। उसी समय से इसका दबे स्वर से विरोध किया जाना शुरू हो गया था। यही वजह है कि संघ के साथ मुख्य मंत्री योगी की हुई बैठक में उन्हें यह संदेश देने की कोशिश की गयी थी कि सरकार के विभिन्न बोर्डों और निगमों में होने वाली नियुक्तियों में इस बात की सावधानी बरती जानी चाहिये कि इसमें किसी गुट का वर्चस्व न रहे।
उल् लेख नीय है कि योगी सरकार में जाहिरातौर पर एक मात्र ऐसे वरिष्ठ मंत्री हैं, जिन्होंने सरकार के बनने के बाद से ही मुख्य मंत्री योगी की हिंदू युवा वाहिनी का नाम लिये वगैर ही उसके बढते वर्चस्व को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। इसके लिये उन्होंने पिछले सप्ताह यहां तक कह दिया था कि कुछ लोग भाजपा कार्यकर्ताओं को बदनाम करने के लिये काम कर रहे हैं। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता हे। ऐसा लगता है कि इस बैठक में उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यह कहकर अपनी इसी अवधारणा की पुष्टि करने की कोशिश की है। उनके इस विरोध के स्वर का यह भी अर्थ लगाया जा रहा है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के सरोकार की पूरी चिंता और जिम्मेदारी वह खासतौर से अपनी समझते हैं। इस तरह वह खुद को भाजपा कार्यकर्ताओं का सबसे बडा हितैषी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस संदर्भ में यहा कहना गलत न होगा कि प्रदेश में योगी सरकार के बनते ही प्रदेश के कई जिलों में भगवा नकाबपोशधारी ने एक समुदाय विशेष के लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था। ये लोग अल्प संख्यक समूदाय के लोगों को भारत छोडकर पाकिस्तान जाने के लिये कह रहे थे। इससे प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव जैसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा बढता जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र तक मे ऐसी कई घटनाओं के होने की खबर मिली थी। पश्चिती उत्तर प्रदेश में भी ऐसी कई घटनाएं हो गयी थी। इस पर भाजपा की ओर से सफाई पेश करते हुए कहा गया था कि यह भाजपा विरोधी लोगों की चाल है। स्वयं मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने अपनी हिंदूवाहिनी के लोगों को इस बाबत बडी सख्त हिदायत दी थी कि वे ऐसा कोई भी समाजविरोधी काम न करें, जिससे उनकी सरकार और भाजपा की बदनामी हो।