लखनऊ : बीजेपी ने यूपी की योगी सरकार की शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग में नई तबादला नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि नई तबादला नीति से परदर्शिता बढे़गी । इस तबादला नीति से पूर्व सपा-बसपा सरकारों में चलने वाले तबादला उद्योग पर ब्रेक लग गया है। अखिलेश-माया शासन में पदों के रेट तय होते थे और बडे पैमाने पर तबादलों में भ्रष्टाचार होता था, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार में पारदर्शी तरीके से तबादले की नीति तय की जा रही है। जिलों को श्रेणियों में बांटकर नियुक्तियों तय करने से जनता की वास्तविक समस्याओं का समाधान होगा।
नौजवानों के चेहरे खिल उठे
यह बयान बुधवार को यहां बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने जारी किया. उन्होंने कहा खनन, निर्माण कार्यो में ई-टेंडरिंग लागू कर सरकार पहले ही सुशासन की दिशा में ठोस पहल कर चुकी हैे। वहीं चिकित्सकों की नियुक्ति वाक-इन-इण्टरव्यू पद्धति से करके बदहाल चिकित्सा सेवाओं का स्वास्थ्य भी जल्दी ही सुधारा जा सकेगा। लम्बे समय से एक ही स्थान पर तैनात कर्मियों को स्थानान्तरित करने से कार्य की गति भी बढे़गी। उन्होंने कहा 5287 करोड़ रूपये के निवेश से उत्तर प्रदेश में नौजवानों के चेहरे खिल उठे हैं।
सीएम योगी के प्रयास से योजना चढ़ेगी परवान
श्री त्रिपाठी ने कहा कि पिछली अखिलेश सरकार में सैमसंग ने 517 करोड़ रूपये की परियोजना लगाने का प्रस्ताव किया था। लेकिन तत्कालीन सरकार की उपेक्षा के चलते परियोजना परवान नहीं चढ़ सकी। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सकारात्मक प्रयासों के चलते निवेश के ठोस प्रयास प्रारम्भ हुए है। उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए जल्दी ही पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड में भी औद्योगिक निवेश प्रारम्भ होंगे। एक्सप्रेसवे के किनारे लैण्ड-बैंक बनाकर औद्योगिक विकास के प्रयास भी प्रारम्भ किए गए है। जो औधौगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगें।