लखनऊः प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तैनात एसएसपी दीपक कुमार ने शासन की मंशा के अनुरूप जनता में कानून-व्यवस्था के प्रति विश्वास बनाने के लिए एसएसपी कार्यलय में ही एफआईआर प्रकोष्ठ की स्थापना की है।
एसएसपी दीपक कुमार का मानना है कि सभी फरियादियो की रिपार्ट दर्ज हो सके व समाज की पिछली पंक्ति तक के व्यक्ति को न्याय मिल सके इसी प्राथमिकता से पुलिस महकमे का काम होना चाहिए। इसी कडी में उन्होंने शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही एफआईआर सेल खोलकर एक नई पहल भी की है। उन्होंने एसएसपी ऑफिस में एफआइआर सेल गठित करने का आदेश दिया और उसका क्रियान्वयन शुरू कराया।
एफआआर सेल में उन लोगों के मुकदमें दर्ज किए जाएंगे, जिनकी थाने पर सुनवाई नही होती। मसलन, चेन-पर्स, लूट व वाहन चोरी जैसे मामलों में थाने पर शिकायत के बाद सुनवाई नहीं होतो, उन पीडितों के प्रार्थनापत्र पर एफआइआर सेल में मेल क्राइम नंबर पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके बाद उसे संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कर विवेचना कर कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा। साथ ही संबंधित थाने से संबंधित मामले में रिपोर्ट दर्ज न किए जाने के बाबत जवाब तलब भी होगा और उसके दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही होगी। एसएसपी ने कहा कि एफआइआर सेल मे उन मामलों में मुकदमा दर्ज नहीं होगा, जिनमें किसी नामजद आरोप लगाया जाएगा। ऐसे मामलों में जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। गंभीर मामलों में अधिकारी सीधे सं ज्ञान लेकर कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे।
एसएसपी ने कहा कि एंटी रोमियो स्क्वॉड छेडछाड, दबंगई व बेतरतीब वाहन चलाने वाले युवकों को पकडकर पुलिस पहले उन्हें सुधरने का एक मौका देगी। इसके तहत किसी भी युवक को पकड़ने पर पहले उसके अभिभावकों को बुलाकर उसे चेतावनी देकर छोडा जाएगा। नए एसएसपी का कम्युनिटी पुलिस पर भी पूरा जोर होगा। शहरी क्षेत्रों में थानेदार स्तर पर 15 संभ्रांत व स्थानीय लोगों की कमेटी बनाई जाएगी।
ग्रमीण क्षेत्रों में ग्रामवर प्रधान, पूर्व प्रधान, रिटायर्ड प्रिंसिपल, रिटयर्ड पुलिसकर्मी, चौकीदार व संभ्रांत लोगों की कमेटी बनेगी, ताकि उनसे क्षेत्र के बदमाश प्रवृत्ति के लोगों की सूचना जुटाई जा सके।