नई दिल्ली : दुनिया बदल गयी. जमाना बदल गया और उसका दस्तूर बदल गया, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अंध विश्वास का सपना नहीं टूटा. जिसके चलते यूपी के सीएम अखिलेश अभी तक अंध विश्वास में जी रहे हैं. यहां तक उनके दिल और दिमाग में अभी तक यह बात बैठी हुई है की अगर वह नोएडा आ गए तो दोबारा सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठ सकेंगे.
बिलायत में शिक्षा लेने के बाद भी नहीं बदले अखिलेश
मजेदार बात है कि विदेश में इंजीनियरिंग की शिक्षा लेने और आधुनिक विचारों वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज भी टोटकों से उतना डरते हैं जैसे बचपन में वह अपने पैतृक निवास सैफई में डरा करते थे. अखिलेश के नजदीकि सूत्रों के मुताबिक यही वजह है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से अखिलेश यादव नोएडा में आयोजित किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं. इसके पीछे का कारण यही बताया जाता है. ये कारण है टोटका. इस टोटके के मुताबिक जो मुख्यमंत्री रहते नोएडा आ जाता है, वह दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनता. यही टोटका मुख्यमंत्री को नोएडा जाने से बरबस रोकता है.
अंधविश्वास से भृमित अखिलेश नोएडा नहीं पहुंचेंगे
ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार भी यही टोटका सीएम को कल नोएडा नहीं जाने दे रहा है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 30 नवम्बर (बुधवार) को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क नोएडा का शिलान्यास करने नोएडा नहीं आएंगे. बल्कि यह कार्यक्रम यहां ‘लोक भवन’ में आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव करेंगे.
इस ड्रीम प्रोजेक्ट से 8 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
455 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे इस पार्क से प्रदेश में 1600 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसके कार्यशील होने के उपरान्त 8,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा. जबकि लगभग 80,000 लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इस पार्क के अन्तर्गत कृषि आधारित उत्पादों, खाद्य उत्पाद, हर्बल उत्पाद, पशु आहार दुग्ध उत्पाद एवं औषधीय उत्पाद की इकाइयां तथा रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट सेंटर की स्थापना की जाएगी. पार्क में स्थापित की गयी खाद्य प्रसंस्करण इकाई प्रतिदिन 400 टन फल एवं सब्ज़ियों का प्रसंस्करण करेगी, जबकि इसमें जैविक गेहूं का इस्तेमाल करते हुए प्रतिदिन 750 टन आटा भी तैयार किया जाएगा. इस पार्क की स्थापना से इस क्षेत्र की ऊसर एवं कम उपजाऊ जमीनों में ज्वार, बाजरा एवं मोटे अनाजों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की सकल आय में वृद्धि होगी.
किसानों को मिलेगा उचित दाम
फूड पार्क की स्थापना से जहां एक ओर कृषि कार्य में विविधता आएगी, वहीं दूसरी ओर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिलेगा. इसके साथ ही, युवाओं का कौशल विकास होगा और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीक से भी स्थानीय लोग वाकिफ़ होंगे. इसके अलावा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप से सम्पूर्ण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय किसानों को बाजार की मुख्यधारा से जोड़ना भी है.