
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान के खिलाफ हाईकोर्ट ने वारंट जारी किया है। इससे पहले रामसेवक शुक्ल ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में आजम खान को उत्तर प्रदेश के जल निगम के प्रमुख से हटाने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता के वकील विष्णु जैन का कहना था कि आजम खान की नियुक्ति उत्तर प्रदेश के जल निगम के प्रमुख के तौर पर केवल तीन साल के लिए हुई थी, जो अवधि 29 मार्च 2015 को ख़त्म हो चुकी है। उसके बावजूद आज़म खान नियमों को ताक पर रखते हुए उत्तर प्रदेश के जल निगम के प्रमुख के तौर पर बने हुए हैं।
ऐसे में याचिकाकर्ता ने मांग की मांग थी कि आजम खान को तुरंत जल निगम के प्रमुख पद से हटाया जाए। याचिका में कानून का प्रश्न उठाते हुए कहा गया है कि क्या किसी नियम कानून की अनुपस्थित में भी कोई राज्य के किसी पदेन पद को धारण कर सकता है।
क्या प्रदेश में शहरी विकास मंत्री होने के कारण आजम खान निगम के पदेन अध्यक्ष हो सकते हैं। लेकिन अगर कोई पदेन होता है तो उसकी नियुक्ति के आदेश में स्पष्ट तौर पर इसका जिक्र होना चाहिये।