दिल्ली : हमारी आपकी जेब पर भले ही नोटबंदी का फर्क पड़ा हो, लेकिन राजनीति क पार्टियों की सेहत पर इसका कोई असर नही दिखाई पड़ता. दरअसल उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार को देखकर कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है. बीजेपी यूपी के चुनाव प्रचार में पैसे पानी की तरह बहा रही है.
यूपी चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने प्रचार प्रसार के लिए हर मोर्चे पर सैकडों नये वाहन तैनात किये हैं. सूत्रों की माने लाख के ऊपर मोटरसाइकिल 100 से ज्यादा हेलीकोप्टर व जहाज किराये पर बुक किये गये है.
प्रचार योजना को कई तरह की रणनीतियों से लैस किया गया है. होर्डिंग, वीडियो वैन, टीवी, अखबार और नुक्कड़ नाटकों के जरिये यूपी के ग्रामीण इलाके के हर वोटर को रिझाने के लिए बीजेपी ने ब्लू प्रिंट तैयार किया है. जाहिर है कि जब प्लान इतना बड़ा है तो पैसा भी बड़ा खर्च होगा.
गौरतलब है कि हालांकि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर क्षेत्र के जंगल चंवरी में बीजेपी के स्टीकर लगी टीवीएस कंपनी की मोटर साईकिलों की फोटो सामने आई थी. जिनकी संख्या 248 बताई गई थी जिनका पंजीयन बीजेपी के क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के बेनीगंज नाम पर किया गया था.
ADR का सर्वे
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआऱ) ने बीते दिनों प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की विभिन्न सीटों पर सर्वे कराया. जिसमें ये अहम जानकारियां सामने आई हैं. एडीआर उत्तर प्रदेश के मुख्य संयोजक संजय सिंह ने बताया कि सर्वे के मुताबिक नोटबंदी के बाद भी यूपी विधानसभा चुनावों में बीते सालों के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा धन खर्च होगा.
सर्वे में संभावित प्रत्याशियों व पार्टी पदाधिकारियों में से 69 फीसदी ने कहा कि विमुद्रीकरण का चुनाव प्रचार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जबकि 65 फीसदी ने माना कि इससे वोटरों की खरीद फरोख्त पर कोई असर नही पड़ेगा. संभावित प्रत्याशियों में से सबसे ज्यादा 70 फीसदी ने कहा कि वो चुनाव जीतने के लिए पुराने तरीकों का ही सहारा लेंगे.
प्रचार रथ की खासियत
गाड़ियों के चारों तरफ बड़े नेताओं के पोस्टर के साथ जनता से परिवर्तन की अपील.
LED टीवी लगा है जिस पर बीजेपी नेताओं के भाषण चलेगें.
मौजूदा सरकार की नाकामियों को दिखाते हुए फिल्में LED पर दिखाई जाएगी.