नई दिल्ली : बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि साल 2007 कि तरह इस बार फिर से उनकी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की बनने जा रही है. इसलिए बीजेपी उनको राजनैतिक द्वेष भावना के चलते बार- बार उनकी पार्टी की छवि ख़राब करने में लगी है.
बीजेपी की साजिश
नोटबंदी के बाद दिल्ली के यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के करोलबाग ब्रांच में बसपा के खाते में 104 करोड़ और मायावती के भाई आनंद कुमार के खाते में 1.43 करोड़ जमा होने के बारे में बसपा सुप्रीमाेे ने मंगलवार को कहा कि ये दलित विरोध मानसिकता रखने वाली बीजेपी की साजिश है. मायावती ने पीएम मोदी पर करारा निशाना साधते हुए कहा कि वो दलित की बेटी से खफा हैं.
मीडिया को मैनेज कर रखा है बीजेपी ने
मायावती ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने कुछ चैनलों और कुछ अख़बारों को भी बीजेपी ने मैनेज किया है. बीएसपी ने नियमों के मुताबिक धनराशि जमा किया है. केंद्र सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहा है. इसी दौरान अन्य पार्टियों ने भी पैसा जमा कराया, लेकिन उनकी खबर मीडिया में नहीं आई.
मायावती ने दी सफाई
104 करोड़ रुपये के मामले में सफाई देते हुए कहा है कि बैंक में जो पैसा उन्होंने जमा कराया है. उस पैसे के एक- एक पायी का हिसाब उनके पास है. उन्होंने कहा है कि उनके भाई आंनद भी लंबे समय से अपना कारोबार कर रहे है. इसलिए जो पैसे उन्होंने अपने खाते में जमा कराये है. उसका भी हिसाब उनके पास है, लेकिन जान बूझकर आयकर विभाग इस मामले में बवंडर मचा रहा हैं.
ईडी की जांच को लेकर मायावती परेशान
प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली में यूनियन बैंक की करोलबाग ब्रांच में बीएसपी के ऐसे खाते का पता चला है, जिसमें नोटबंदी के बाद करीब 104 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं, वो भी नकद. दिल्ली के करोल बाग में यूनियन बैंक की ब्रांच में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच चल रही है. नोटबंदी के बाद पहली बार किसी बड़ी राजनीति क पार्टी पर जांच की सुई घूमी है. ईडी को इस बैंक की जांच के दौरान बहुजन समाज पार्टी का खाता भी मिला. पता चला कि इस खाते में नोटबंदी के बाद कुल 104 करोड 36 लाख रुपए जमा हुए हैं. ये सारा पैसा कैश में जमा कराया गया था.
कब-कब जमा हुआ पैसा
सूत्रों के मुताबिक बीएसपी के खाते में 2 दिसबंर को 15 करोड़3 दिसबंर को 15 करोड़ 80 लाख 5 दिसबंर को 17 करोड़ 6 दिसबंर को 15 करोड़ 7 दिसबंर को 18 करोड़8 दिसबंर को 18 करोड़9 दिसबंर को 5 करोड़ 20 लाख रुपए नगद जमा कराए गए. 23 दिनों के भीतर इन खातों में 103 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं. जबकि पूरे साल सिर्फ 33 करोड़ रुपए ही जमा हुए थे.