नई दिल्ली : यूपी में समाजवादी पार्टी की सियासी जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही है. सूबे की राजधानी लखनऊ में रविवार को हुई मायावती की रैली के बाद से सपा का मुस्लिम वोट बैंक खिसकता हुआ दिखाई दे रहा है. जिसके चलते सीएम अखिलेश की मुंह बोली बुआ माया ने अपने भतीजे की ही नींद उड़ा दी है.
बसपा ने भीतरघात कर सपा को पहुंचाया नुकसान
सूत्रों के मुताबिक मायावती ने इस बार बड़ी चुप्पी के साथ मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने वाली सपा सरकार के वोटरों को अपने पाले में खींच लिया है. इस बात का खुलासा रविवार को कांशीराम की पुण्यतिथि पर 'इको पार्क' में आयोजित बसपा की रैली से हुआ है. इस रैली में आयी भीड़ में मुस्लिम वोटरों को जिस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी अपने पीला में खींच कर लाये है. उससे यह बात साफ हो गयी है की सपा के आज़म खान पर सिद्दकी भारी पड़ रहे हैं. मुस्लिम वोटरों की राजनीति करने वाले सपा के कद्दावर नेता आज़म खान की हकीकत खुलकर सामने आ गयी है. सूत्र बताते हैं की आजम खान से मुस्लिम मतदाता नाराज हैं. यही नहीं उनके गढ़ कहे जाने वाले रामपुर में भी जनता इस बार उनसे नाराज दिखाई दे रही है.
पारिवारिक घमासान से हुआ सपा को नुकसान
सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी में पिछले डेढ़ महीने से चल रही परिवार के घमासान की वजह से यूपी में जो सपा नंबर वन के पायदान पर चल रही थी वह अब तीसरे पायदान पर पहुंच गयी है. बताया जाता है कि चाचा भतीजे के बीच शुरू हुई इस खींचतान को लेकर कई मतदाता नाराज हो गए हैं. इतना ही नहीं कई मुस्लिम नेता भी नाराज हो गए हैं. बताया जाता है चाचा भतीजे कि इस लड़ाई में कई मुस्लिम नेताओ को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी से बाहर का रास्ता निकाल दिया है.
सपा का मुस्लिम वोटर खिसक कर बसपा पहुंचा
इसी से नाराज होकर सपा का मुस्लिम वोटर बसपा के पाले में खिसक गया है. बताया जाता है कि सपा को अपना ठौर ठिकाना मानने वाले मुस्लिम मजबूर होकर बसपा में गए हैं. दरअसल बीजेपी में जाने से उनको वह तवज्जो नहीं मिलता जो उन्हें बसपा में दिखाई दिया. दरअसल बीजेपी में इन मुस्लिम वोटरों और नेताओं की दाल गलते हुए नहीं दिखाई दे रही थी. जिसके चलते बसपा में उन्हें टिकट मिलने की भी उम्मीद दिखाई दे रही है.
सीएम अखिलेश की बढ़ी चिंता
बहरहाल इसीलिए बीजेपी और कांग्रेस में जाने की बजाय सपा से बाहर निकाले गए मुस्लिम नेता अपनी लंबी चौड़ी मुस्लिम वोटरों की फ़ौज लेकर बसपा में चले गए हैं, जिसको लेकर सीएम अखिलेश भीतर ही भीतर जहां अपने चाचा शिवपाल से नाराज हैं वहीँ बसपा में गए अपने वोटरों को लेकर उनकी चिंताएं बढ़ गयीं हैं.