लखनऊ : समाजवादी पार्टी की सरकार में सीएम अखिलेश यादव की नाक का बाल कहलाने वाले यूपी के सबसे तेज आईएएस अफसर नवनीत सहगल पर अब जाँच के बादल मंडराने लगे हैं. इसके साथ ही पिछली सरकार के कार्यकाल में जमकर घोटाला करने वाले एलडीए के उपाध्यक्ष सतेंद्र सिंह यादव, दीपक सिंघल, अनीता सिंह और शंभु यादव समेत एक दर्जन आईएएस अफसरों पर अब बीजेपी सरकार के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाँच कराने का मन बनाया है. बताया जाता है की ऐसे अफसरों की सूची तैयार कराये जाने के फरमान सीएम जारी कर चुके हैं.
अखिलेश के चहेते नवनीत सहगल पर संकट के बादल
सूत्रों के मुताबिक अब ऐसे अफसरों को बख्शा नहीं जायेगा. बताया जाता है कि एक्सप्रेस वे योजना की सड़के मानकों के मुताबिक आने वाली कई गुना लागत से अधिक दाम पर बनवाने वाले अखिलेश सरकार के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल भी बीजेपी सरकार के निशाने पर सबसे ऊपर बताये जा रहे हैं. और तो और सहगल अपने इस हुनर के लिए भी काफी मशहूर हैं कि सरकार चाहे बसपा की बने या फिर सपा की, लेकिन जोड़तोड़ बैठाने और सीएम का चहेता अफसर बनने में वह प्रदेश के सभी आईएएस अफसरों को पीछे छोड़ने का रिकार्ड बना चुके हैं. यही नहीं सूबे में बीजेपी की सरकार बनते ही जैसे योगी आदित्यनाथ का नाम सीएम के लिए घोषित किया गया. उसके बाद जैसे ही सीएम योगी वीवीआईपी गेस्ट हाऊस पहुंचे.थोड़ी ही देर में उनसे मुलाकात करने नवनीत सहगल पहुँच गए. चर्चा है कि लगड़ी टांग लेकर छड़ी के सहारे चल रहे सहगल सीएम योगी के आगे पीछे इन दिनों कई चक्कर लगा रहे हैं, फिलहाल उनकी दाल अभी तक योगी के राज में गलते नहीं दिख रही है.
सूची में अनीता सिंह भी शामिल
इसी तरह ट्रांसफर पोस्टिंग और स्टेट प्लेन व हेलीकाप्टर की खरीद में करोड़ों का वार न्यारा करने वाली आईएएस अफसर अनीता सिंह भी बीजेपी की योगी सरकार के निशाने पर हैं. मालूम हो कि पिछली सरकार में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर तैनात रही आईएएस अफसर अनीता सिंह पर आईएएस और आईपीएस अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग में लाखों रुपये का नजराना मांगे जाने के आरोप लगे थे. इस बात को विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने भी अपनी चुनावी एक सभा में इस बात का जिक्र किया था कि यूपी में तो 40 - 40 लाख रुपये लेकर डीएम और एसएसपी बनाये जाते हैं.बहरहाल अब इन आरोपों में घिरी आईएएस अनीता सिंह पर भी योगी सरकार कार्रवाई का मन बना चुके हैं.
एलडीए VC भी निशाने पर
सूत्रों के मुताबिक बात अभी ख़त्म नहीं हुई है. अखिलेश सरकार के नवरत्नों में शामिल एलडीए उपाध्यक्ष सतेंद्र सिंह यादव पर भी सीएम योगी की नजर पड़ चुकी है. बताया जाता है कि मुलायम सिंह के दूसरे बेटे को पकड़कर उपाध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने वाले यादव ने तो शहर भर में अपने कार्यकाल में जमकर अवैध निर्माण भी कराये और उन्हें सील भी कराया. कहने का मतलब दोनों हाथों से धन बटोरा. बताया जाता है की शहर में हो रहे इन अवैध निर्माणों से धन उगाही करने के लिए उन्होंने प्राधिकरण के दो अफसरों को अपना दूत बनाया. इनमें से एक दूत का काम अवैध निर्माण को सील करने का और दूसरे का काम सील खोलने का था. बताया जाता है दोनों हाथों से मलाई चाटने वाले सतेंद्र यादव पर भी अब योगी सरकार की कार्रवाई की तलवार लटक रही है. यही नहीं सतेंद्र यादव के कार्यकाल में दर्जनों फर्जी रजिस्ट्रियां और भूखण्डों के समायोजन से लेकर कई बड़े घोटाले शामिल हैं.
सीएम दे सकते हैं जाँच के आदेश
बहरहाल इसी तरह कई अन्य अफसर भी बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर हैं. बताया जाता है कि पिछली सरकार में घोटाला करने वाले अफसरों की जो सूची बनायीं जा रही है. उसमें शामिल भ्रष्ट अफसरों की सूची में इन अफसरों का नाम सबसे ऊपर शामिल है. इसके अलावा तकरीबन दो दर्जन से अधिक ऐसे अफसर हैं, जिनकी जाँच कराये जाने के आदेश सीएम योगी कभी भी कर सकते हैं.