नई दिल्ली : यूपी में अखिलेश यादव पार्टी की डूबती नैया पार लगाने के लिए खुद ही 3 नवंबर से समाजवादी पार्टी की रथ यात्रा लेकर निकलेंगे. इस संबंध में सीएम अखिलेश ने बुधवार को पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखी है. बताया जाता है कि बाप- बेटे में चल रही घमासान में डेढ महीने पहले सूबे में चल रही सपा तीसरे पायदान पर पहुँच गयी है.
सपा की रथ यात्रा खुद लेकर निकलेंगे CM
जिसके चलते सीएम अखिलेश पार्टी के खेवनहार बनकर 3 नवंबर से सपा की रथ यात्रा लेकर खुद सूबे की विधानसभा क्षेत्रों में लेकर निकलेंगे. इस बारे में अखिलेश ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने पिता मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर सूचित कर दिया है. इस चिट्ठी की जानकारी उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह को भी दे दी है.
सिल्वर जुबली से पहले अखिलेश ने दिया झटका
इस बार भी अखिलेश अकेले ही विकास रथ लेकर निकलेंगे. इस बार रजत जयन्ती समारोह से ठीक पहले अखिलेश का ये फैसला समाजवादी पार्टी के आकाओं के लिए एक सबक के रूप में है. अखिलेश पहले भी कह चुके है कि जिसके पास ज्यादा हाथ होंगे जीतेगा वही. इससे पहले आजमगढ़ में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की रैली को स्थगित करना पड़ा था. अखिलेश समर्थक पूरे जोश में है और अखिलेश के ही नेत्रत्व में चुनाव लड़ने को तैयार है.
सपा के सिल्वर जुबली समारोह का बहिष्कार
अखिलेश समर्थकों में इस बात का रोष है कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार में अन्याय के खिलाफ आन्दोलन करने वाले एमएलसी सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द प्रताप यादव, संजय लाठर, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव, यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे, समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को उनके संघर्षमय जीवन पर काला दाग लगाते हुए उन्हें अनुशासनहीन बताते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. बैठक में तय हुआ कि इस नादिरशाही फरमान के विरोध में समाजवादी पार्टी के युवा पदाधिकारी 5 नवम्बर को जनेश्वर मिश्र पार्क में प्रस्तावित पार्टी के रजत जयन्ती समारोह में शामिल नहीं होंगे. समाजवादी पार्टी के सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल सत्यवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौजूद नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि उनकी निष्ठा और आस्था अखिलेश यादव के नेतृत्व में है.