
नई दिल्ली : यूपी में अगले साल 2017 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस की छवि धूमिल कर राजनीति क लाभ बटोरने के लिए सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जिसके चलते दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर जाकर उनसे 18 सवालों के जवाब मांगे हैं.
शीला के आने से यूपी में कांग्रेस हुई है मजबूत
सूत्रों के मुताबिक यूपी में कांग्रेस ने चूँकि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को ब्राह्मण चेहरे के रूप में पेश कर सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है. इसलिए बीजेपी शीला को घेरकर कांग्रेस की छवि को उत्तर प्रदेश में धूमिल करना चाहती है. बताया जाता है कि यूपी में जब से कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में शीला को पेश किया है, तब से कांग्रेस को सूबे के ब्राह्मणों का समर्थन मिलना शुरू हो गया है. दरअसल राजनीति के इस खेल में सूबे के ब्राह्मण वोट शीला के आने से बंट गया है. जिसके चलते यूपी का ब्राह्मण वोट बीजेपी के पीला से खिसक कर कांग्रेस की और बढ़ रहा है.
अमित शाह के इशारे पर शीला को घेरने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक इस बात कि जानकारी यूपी बीजेपी से मिलने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शीला को घेरने के लिए यह नई सियासत की चाल चली है. बताया जाता है कि शाह कि असली मंशा यह है की शीला की मुश्किलें बढ़ाकर वह यूपी में कांग्रेस को चारों खाने चित कर दें. इसलिए उन्होंने शीला को टैंकर मामले में घेरने के मौखिख आदेश एंटी करप्शन ब्यूरो को देकर शीला की मुश्किलें बढ़ा दी है. बताया जाता है कि शीला का ससुराल चूँकि उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवारों में से एक है.
ब्राह्मण वोट को लेकर कांग्रेस पर शिकंजा
इसलिए कांग्रेस के खेमे ब्राह्मण वोट बहुत तेजी के साथ खिसक रहा है. इसके साथ ही बसपा में शामिल ब्राह्मण वोट को बीजेपी के पाले में लाने के लिए बसपा के ब्राह्मण नेताओं को तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने खेमे में तोड़कर ले आये हैं. लेकिन अब सूबे के ब्राह्मणों का बचा हुआ वोट कांग्रेस के खेमे से अपने पाले में लाने के लिए उन्हें कोई और तरकीब सूझ नहीं रही है. जिसके चलते उन्होंने यूपी में कांग्रेस की उम्मीदवार शीला को दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर घोटाले में घेरने की रणनीति तैयार की है. मालूम हो की एंटी करप्शन ब्यूरो केंद्र सरकार के अधीन है और इस समय केंद्र में बीजेपी की सरकार है. इसलिए बीजेपी के इशारे पर यूपी में कांग्रेस की बंटाधार लगाने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने शीला को घेरते हुए उनसे 18 सवालों के जवाब मांगे है.