नई दिल्ली : खून का रिश्ता आखिर खून का ही होता है. चाहे जितना झगड़ा हो आपस में, लेकिन वक्त आने पर खानदान का खून का रिश्ता फिर से दौड़ने लगता है. यूपी में पिछले कई महीनों से चल रही चाचा शिवपाल और भतीजे सीएम अखिलेश की लड़ाई के बीच शनिवार को कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया, जिसके बाद चाचा और भतीजे एक दूसरे के गले लगकर भावुक हो गए. यहां तक की सीएम अखिलेश की आंखें इस उमड़े प्यार को देखकर नम पड़ गयीं.
शिवपाल बोले बहु तू रहन दे
हुआ यूं कि चाचा शिवपाल शनिवार को सुबह-सुबह सीएम अखिलेश से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. पता चला अखिलेश सोये हुये हैं. बहू डिंपल ने सर पर अंचल खींचते हुये कहा 'चाचाजी , कहिये तो जगा दूँ.' शिवपाल ने रुंधे गले से कहा 'तू रहन दे बहू , मैं खुद जगाता हूँ.' जिसके बाद शिवपाल कमरे में गये और दुलार से भतीजे के सर पर हाथ फेरकर जगाया. भतीजा उठा और तुरन्त चरण स्पर्श करके पूछा "चाचू आप ! सब खैरियत तो है न ?"
मिल बांटकर चला लेंगे काम चाचा
चाचा की आंखें नम हो गईं "सब खैरियत है बेटा , अब भी गुस्सा हो क्या?" अखिलेश ने गहरी सांस भरकर जवाब दिया "अपनों से कैसा गुस्सा चचा ! और सुनाइए क्या आदेश है." शिवपाल ने तनिक संकोच से ऑंखें झुकाये ही पूछा "बेटा , हजार का चेंज है क्या ?" अखिलेश ने मुस्कुराकर कहा "छुट्टा तो नहीं चचा , 400 रुपया है. दो सौ आप रखिये , दो सौ में मैं काम चला लूंगा."
शिवपाल ने लगाया अखिलेश को गले
इतना सुनना था कि चाचा ने भतीजे को खींचकर गले से लगा लिया. भतीजा भी चचा से ऐसे लिपट गया जैसे बर्षो से मिलन की विरह व्यथा मे जल रही प्रेयसी को प्रेमी का आलिगंन हो गया हो. दोनों के पलकों से आंसुओ की निर्झरणी प्रवाहित हो उठी थी. आज चचा-भतीजे दोनों के मन में कोई क्लेश न था. नयी मौद्रिक नीतियों ने सारे क्लेश को धो पोछकर साफ़ कर डाला था. बहरहाल चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश का मिलन कई महीनों बाद ऐसे हो रहा था, जैसे उनमें आपस में कभी कुछ हुआ ही नहीं था.