
नई दिल्ली : बसपा छोड़कर बीजेपी में चौबे से छब्बे बनने गए स्वामी प्रसाद मौर्या अब तो दुबे भी नहीं रह गए. दरअसल बसपा सुप्रीमो से मोर्चा खोलकर स्वामी प्रसाद मौर्या अब पछता रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या के आगे उनकी दाल नहीं गल पा रही है.
बीजेपी में बनी गद्दार वाली छवि
सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ गद्दारी करने वाले स्वामी प्रसाद को बीजेपी में इस नजर से देखा जा रहा है कि जिस नेता पर बहनजी ने इतना भरोसा किया. और यही नहीं उन्हें अपने मुंहबोले भाई का दर्जा दिया. जब वह अपनी मुंहबोली बहन का ही नहीं हुआ तो हमारा क्या होगा. गौरतलब है कि इन दिनों यूपी में बीजेपी कि ताबड़तोड़ रैलियां चुनाव के लिए अमित शाह, पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं, जिसमें से एक भी रैली में स्वामी प्रसाद का नाम किसी भी बीजेपी के बड़े नेता ने नहीं लिया. दिलचस्प बात है कि जबकि यूपी के अन्य नेताओं का नाम हर बड़ा नेता अपनी सभा में लेता नजर आ रहा है.
बीजेपी में नहीं गल रही है दाल
सूत्रों के मुताबिक बसपा में दूसरे पायदान पर बैठे स्वामी प्रसाद कि स्थिति अब वैसी ही बीजेपी में है जैसी किसी इंसान कि मरता न तो क्या करता वाली हो गयी है. बताया जाता है कि बसपा में नेता विधानमंडल दल के नेता बनकर मलाई चाट रहे स्वामी प्रसाद को अब अपनी गलती और मायावती से गद्दारी करने का भी अहसास हो गया है. पिछड़ों कि राजनीति करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या अब खुद जान गए है कि जो सोचकर वह बीजेपी में शामिल हुए थे. वह यहां नहीं होने वाला.
बीजेपी में दुबे भी नहीं बन सके स्वामी प्रसाद
फिलहाल बीजेपी में पहले से शामिल होकर सूबे की कमान थामने वाले केशव प्रसाद की जड़ें बीजेपी में इतनी अधिक मजबूत है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के करीबी नहीं बन पा रहे हैं. जिसके चलते बसपा छोड़कर बीजेपी में चौबे से छब्बे बनने आये स्वामी अभी तक दुबे भी नहीं बन सके हैं.