लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति मंगलवार को ही पाक्सो कोर्ट से जमानत पर छूटे ही थे कि पुलिस ने उन्हें कथित मुलायम धमकी कांड के बाद पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रूल्स एंड मैनुअल्स अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी नूतन ठाकुर को फर्जी दुष्कर्म मामले में फंसाने के मामले में हिरासत में ले लिया। बाद में सीजेएम न्यायालय ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पति पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने का मामला
आईजी (रूल्स एंड मैनुअल्स) अमिताभ ठाकुर ने करीब दो साल पहले जब अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ अवैध खनन मामले में शिकायत की थी, तब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा आईपीएस अमिताभ को फोन कर कथित तौर पर धमकी दी गई थी। मुलायम की कथित धमकी पर आईपीएस ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसकी जांच अभी चल रही है। वहीं इस रिपोर्ट के बाद आईजी ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पर गाजियाबाद की एक महिला ने कथित दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस रिपोर्ट के खिलाफ नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया था कि प्रजापति के इशारों पर महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष जरीना उस्मानी ने उन्हें फंसाने के लिए गाजियाबाद की एक महिला को हथियार बनाया और उसके माध्यम से उनके आईपीएस पति पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगवाया। लेकिन काफी दिनों तक इस मामले में जांच नहीं हुई। जब राज्य में सरकार बदली तो इस कथित दुष्कर्म मामले में भी जांच आगे बढ़ी। जांच में पाया गया कि रिपोर्ट फर्जी ढंग से लिखी गई है। शिकायती पत्र में न तो कोई तारीख थी और न ही कथित दुष्कर्म पीड़िता के हस्ताक्षर थे।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए गायत्री
इस मामले में क्राइम ब्रांच, लखनऊ के विवेचक विनोद शर्मा ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट सीजेएम लखनऊ संध्या श्रीवास्तव के सामने पेश की। इसके आधार पर सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस बारे में नूतन ने कहा, "गायत्री प्रजापति द्वारा महिला आयोग की अध्यक्षा जरीना उस्मानी, सदस्य अशोक पांडेय आदि की सहायता लेकर मुझे और मेरे पति आईपीएस अमिताभ ठाकुर को फर्जी दुष्कर्म केस सहित अन्य मामलों में फंसाया गया। इन तमाम आपराधिक काम करने के मामले में प्रस्तुत आख्या पर सीजेएम ने गायत्री को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जिससे देखकर लगता है कि देर से ही सही, पर कुछ न्याय होता दिख रहा है।"
कल ही रिहा हुए थे गायत्री
गायत्री को मंगलवार को ही उनके क्षेत्र की एक महिला को मंत्री आवास बुलाकर दुराचार करने व ब्लैकमेल कर नाबालिग पुत्री के साथ भी दुराचार का प्रयास करने के मामले में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्रा द्वितीय की अदालत से एक-एक लाख रुपये की दो जमानत पर दो अन्य आरोपियों विकास वर्मा व अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू के साथ सशर्त जमानत मिली थी।