लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्रीय विधि एवं न्याय तथा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के साथ मंगलवार को यहां शास्त्री भवन में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक में प्रदेशवासियों को त्वरित एवं पारदर्शी सुविधा प्रदान करने एवं नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न इलेक्ट्राॅनिक्स योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, वादकारियों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं।
घर बैठे पंजीयन की मिलेगी सुविधा
इस मौके पर फैसला किया गया कि केन्द्र सरकार राज्य के 100 चिकित्सालयों को अगले 6 माह में ई-हाॅस्पिटल योजना से आच्छादित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी। आपको बता दें कि इस समय राज्य के 3 चिकित्सालयों में ही यह योजना लागू हैं, जिनमें डाॅ0 राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय, डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय एवं केजीएमयू शामिल हैं। स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टिकोण से इस योजना के तहत लोगों को घर बैठे पंजीयन की सुविधा मिलेगी।
90 हजार लोगों को रोजगार के मिलेंगे अवसर
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा अभी करीब 18 हजार करोड़ रुपए का निर्यात साॅफ्टवेयर के क्षेत्र में किया जाता है, जो सम्भावना से काफी कम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कम से कम वर्तमान की अपेक्षा तीन गुना निर्यात करने के लिए गम्भीरता से काम करना होगा। उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत कम समय में नोएडा में सैमसंग कम्पनी को अपनी यूनिट विस्तारित करने का मौका दे दिया गया। 7 जून 2017 को इस कम्पनी का काम शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश मोबाइल मैनुफैक्चरिंग का हब बन चुका है, जिसके माध्यम से करीब 30 हजार लोगों को डायरेक्ट तथा 60 हजार लोगों को इनडायरेक्ट रोजगार के अवसर मिले हैं।
लंबित वादों का होगा निस्तारण
लम्बित वादों की संख्या को देखते हुए योगी ने कहा कि जिन वादों में राज्य सरकार पक्षकार है, उन सभी मुकदमों की समीक्षा करते हुए प्रदेश सरकार यथावश्यक निर्णय लेते हुए प्रकरणों को न्यायालय से बाहर सुलझाने का काम करेगी, जिससे वादों की संख्या घटे और लोगों को त्वरित न्याय मिले। इसी प्रकार, 10 वर्ष से पूर्व के मुकदमों की भी समीक्षा करते हुए राज्य सरकार की तरफ से हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे इन मुकदमों का शीघ्र निपटारा हो सके।
बीपीओ में महिलाओं को दी जाएगी प्राथमिकता
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आईटी के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। बैठक में केन्द्र सरकार के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा छोटे नगरों में आईटी के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कुल 52 हजार सीटों के बीपीओ स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के लिए 8,880 सीट लक्षित की गई हैं। इस क्रम में, बरेली व गाजीपुर में 200-200, कानपुर में 300, लखनऊ में 830, उन्नाव, झांसी एवं इलाहाबाद में 100-100 तथा टीसीएस के माध्यम से वाराणसी में 1000 सीट का बीपीओ स्थापित किया जा रहा है। वाराणसी के बीपीओ में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।इस क्रम में मुख्यमंत्री ने झांसी में 1000, चित्रकूट में 500 के अलावा गोरखपुर में 1000 सीट क्षमता के बीपीओ की स्थापना कराने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए।
अगले 2 सालों में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश
योगी ने कहा कि इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम करने की योजना बनायी गयी है। राज्य सरकार शीघ्र नई औद्योगिक नीति लागू करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि नई औद्योगिक नीति के फलस्वरूप अगले 2 सालों में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश सम्भव हो सकेगा, जिससे यहां के नौजवानों को राज्य में ही रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि इलेक्ट्राॅनिक्स कम्पनियां नोएडा के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों में भी निवेश के लिए आगे आएं। उन्होंने उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग का हब बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्रेटर नोएडा में स्थापित हो रहे तीनों इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी।