नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद अब प्रशासन ने मीट कारोबारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के नियमों के बाद कारोबारियों में निराशा और हड़कंप जैसी स्थित उत्पन्न हो गई है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कारोबारियों का कहना है कि इन मानकों का पालन करना लगभग असम्भव सा है। उनका कहना है कि इस गाइडलाइन से लगभग 60 फीसदी दुकाने बंद होने की कगार पर आ जाएँगी।
इस गाइडलाइन के अनुसार निम्नलिखित बातें कही गई हैं।
1. मीट की दुकानों से कहा गया है कि वे धार्मिक स्थलों की परिधि से 50 मीटर की दूरी पर रहें। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी दुकानें ऐसे स्थलों के मुख्य द्वार से कम से कम 100 मीटर दूर हों।
2. उनकी दुकानें सब्जी की दुकानों के पास नहीं होनी चाहिए।
3. दुकानदार जानवरों या पक्षियों को दुकान के अंदर नहीं काट सकते।
4. मीट की दुकानों पर काम करने वाले सभी लोगों को सरकारी डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा।
5. मीट की क्वॉलिटी को किसी पशु डॉक्टर से प्रमाणित कराना होगा।
6. शहरी इलाकों में लाइसेंस पाने के लिए आवेदकों को पहले सर्किल ऑफिसर और नगर निगम की इजाजत लेनी होगी। फिर फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से एनओसी लेनी होगी।
7. ग्रामीण इलाकों में मीट दुकानदारों को ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए से एनओसी लेनी होगी।
8. मीट के दुकानदारों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बीमार या प्रेगनेंट जानवरों को न काटें।
9. मीट के दुकानदारों को हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करानी होगी।
10. उनके चाकू और दूसरे धारदार हथियार स्टील के बने होने चाहिए।
11. मीट की दुकानों में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
12. बूचड़खानों से खरीदे जाने वाले मीट का पूरा हिसाब-किताब भी रखना होगा।
13. मीट को इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाड़ियों में ही बूचड़खानों से ढोया जाए।
14. मीट को जिस फ्रिज में रखा जाए, उसके दरवाजे पारदर्शी होने चाहिए।
15. सभी मीट की दुकानों पर गीजर भी होना आवश्यक है।
16. दुकानों के बाहर पर्दे या गहरे रंग के ग्लास की भी व्यवस्था हो ताकि जनता को नजर न आए।
17. एफएसडीए के किसी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।