नई दिल्ली : विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित होने से पहले उत्तर प्रदेश में राज कर रही समाजवादी पार्टी के भीतर मची घमासान में अब लड़ाई साइकिल की कमान संभालने की है. चुनाव चिह्न को लेकर मुलायम के दावे के बाद (आज) मंगलवार को अखिलेश यादव की तरफ से रामगोपाल यादव 11:30 बजे चुनाव आयोग से मिलेंगे. इससे पहले सोमवार को मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, अमर सिंह और जया प्रदा चुनाव आयोग पहुंचे थे और अपना पक्ष रखा था.
झुकने को कोई तैयार नहीं
साइकिल का हैंडल कौन थामेगा अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है हालांकि यह भी सही है कि इस तरह के मामलों में फैसले के लिए कई महीनों का वक्त चाहिए. ऐसे में साइकिल जब्त हो सकती है. इसका अहसास दोनों खेमों को है, लेकिन हथियार डालने को कोई तैयार नहीं.
जब्त हो सकता है चुनाव चिन्ह
चुनाव आयोग के मुताबिक वह दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ही फैसला करेगा, जिसकी सुनवाई कोई सदस्य नहीं बल्कि पूरा कमीशन करेगा. लेकिन इसमें कुछ महीनों का वक्त लग सकता है. नियमों के मुताबिक इस तरह के मामलों में फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक दिए जाते हैं. देखा जाएगा कि बहुमत किसके साथ है. फैसला नहीं होने पर चुनाव चिन्ह फ्रीज हो जाएगा. दोनों पक्षों को अस्थायी चुनाव चिन्ह मिलेगा. दोनों पार्टियां भी अस्थायी चिह्न चुन सकती हैं.
मुलायम ने कहा पार्टी मुझसे
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी उनसे जुड़ी हुई है और उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन प्राप्त है. मुलायम ने मीडिया से कहा कि उन्होंने बेदाग जीवन जीया है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें क्लीन चिट दे दी है.
नेताजी ही हैं अध्यक्ष : शिवपाल
मुलायम के छोटे भाई और सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह हमेशा अपने भाई के साथ रहेंगे. शिवपाल ने कहा, मैं हमेशा नेताजी के साथ रहा हूं और अपनी आखिरी सांस तक उनके साथ रहूंगा. उन्होंने कहा कि मुलायम अब भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और रहेंगे.