नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के यूपी में गठबंधन कर चुनाव लड़ने से मना कर दिए जाने के बाद कांग्रेस खेमे में मायूसी छायी हुई है. दरअसल कांग्रेस सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ने का मन बनाये हुए बैठी थी. लेकिन मुलायम के मना कर दिए जाने के बाद से कांग्रेस का सूबे में सरकार बनाने का ख्वाब टूट गया है.
सपा नहीं करेगी किसी से गठबंधन
सूत्रों के मुताबिक चंद दिन पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह ने ये बात साफ कर दी है कि उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी. अगर कोई पार्टी उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है तो वह अपनी पार्टी का विलय सपा में कर सकती है. जिसके चलते सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का मन बनाकर बैठी कई राजनीति क पार्टियों के खेमें में मायूसी छा गयी है. बताया जाता है कि सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ है.
सपा ने तोडा कांग्रेस का ख्वाब
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर हालांकि इससे पहले सीएम अखिलेश से गठबंधन करने को लेकर मिलने गए थे. जानकर लोग बताते हैं कि दोनों लोगों के बीच हुई ये वार्ता काफी सौहार्दपूर्ण रही थी. लेकिन मुलायम ने स्थिति साफ कर कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फेर दिया. दरअसल प्रशांत किशोर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से वादा किया था कि यूपी चुनाव में वह उनकी पार्टी को कम से कम 60 से 70 सीटें तो दिलाएंगे ही. लेकिन सपा के गठबंधन से इंकार कर देने के बाद यूपी में गठबंधन की सरकार बनाने का सपना संजोये बैठी कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
गुमनामी में डूबी कांग्रेस
सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर कांग्रेस खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है. यही नहीं पार्टी के बड़े नेताओं के चेहरों पर चुप्पी छायी हुई है. पार्टी के जानकर सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में कल तक जो उत्साह पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में दिखाई दे रहा था. वह चुनाव से पहले ख़त्म होते दिखाई दे रहा है. पार्टी में आपसी गुटबाजी अभी भी चरम सीमा पर है. बहरहाल यही हाल रहा तो पिछले कई सालों से यूपी में गुमनामी झेल रही कांग्रेस इस बार भी कुछ उजाला नहीं कर पायेगी.