लखनऊ : पीएम मोदी सरकार में संचार मंत्री मनोज सिन्हा का अब यूपी का सीएम बनना लगभग तय माना जा रहा है. दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली से यूपी आना नहीं चाहते हैं. जिसके चलते यूपी के सीएम की कुर्सी को लेकर चल रही दौड़ में गाज़ीपुर से सांसद और केंद्र में राज्य मंत्री मनोज सिन्हा अब इस दौड़ में सबसे आगे दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी राजनाथ सिंह को यूपी नहीं भेजना चाहते और यूपी के सीएम के लिए उनकी और अमित शाह की पसंद मनोज सिन्हा हैं. इसी को लेकर अब यूपी के सीएम बनने के लिए सिन्हा का रास्ता बिल्कुल साफ होता दिखाई दे रहा है.
मनोज सिन्हा दौड़ में सबसे आगे
सूत्रों के मुताबिक हालाँकि यह बात पहले से ही चल रही थी कि अगर यूपी में बीजेपी सत्ता में आती है तो यहाँ की कमान सँभालने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को भेज दिया जायेगा. लेकिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ये नहीं चाहते थे. उनकी सलाह थी कि साल 2019 में केंद्र की सत्ता पुनः हासिल करने के लिए यदि किसी अनुभवी को यूपी का सीएम बनाया जाये तो बेहतर होगा. इसके चलते उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का नाम सुझाया था. लेकिन अब पीएम मोदी उन्हें अपने मन्त्रिमण्डल से यूपी में नहीं भेजना चाहते. जिसके चलते इस दौड़ में अब सबसे आगे केंद्रीय राज्यमंत्री मनोज सिन्हा दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.
शनिवार को लखनऊ में विधायक दल की बैठक
सूत्रों के हवाले से खबर है कि कल लखनऊ में होने वाली विधायक दल की बैठक में यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मनोज सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. विधायक दल की बैठक में मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक वेंकैया नायडू और भूपेंद्र यादव मनोज सिन्हा के नाम पर विधायकों की सहमति लेंगे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी जानकारी देंगे. इसके बाद अमित शाह नए मुख्यमंत्री का एलान कर देंगे.
मनोज सिन्हा के गांव में खुशी की लहर
चुनाव के बाद से ही मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही थी, उनमें राजनाथ सिंह के बाद मनोज सिन्हा का नाम लिया जा रहा था. लेकिन पीएम मोदी और अमित शाह के राजनाथ सिंह को यूपी में भेजने के लिए राजी ना होने पर मनोज सिन्हा का नाम अब सबसे ऊपर चल रहा है. बताया जाता है कि इसके पीछे वजह ये है कि मनोज सिन्हा पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी मनोज सिन्हा के नाम पर सहमति जता दी है.यही नहीं सीएम की रेस में सबसे आगे माने जा रहे गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा जल संसाधन मंत्री उमा भारती, पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री महेंद्र पांडे ने भी मनोज सिन्हा के नाम को हरी झंडी दे दी है.
मोदी सरकार में मंत्री हैं मनोज सिन्हा
सूत्र बता रहे हैं कि योग्यता के हिसाब से मुख्यमंत्री पद के लिए मनोज सिन्हा सबसे फिट उम्मीदवार माने जा रहे हैं. मनोज सिन्हा अभी मोदी सरकार में संचार के साथ साथ रेल राज्य मंत्री भी हैं. मंत्री के तौर पर उनका काम अच्छा माना जाता है. मनोज सिन्हा तीन बार गाजीपुर से सांसद रहे हैं. उन्होंने आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं.मनोज सिन्हा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना इसलिए भी ज्यादा प्रबल मानी जा रही है, क्योंकि मोदी के राज में जहां जहां भी बीजेपी की सरकार बनी है ज्यादातर जगहों पर जाति-पाति देखकर सीएम का फैसला नहीं किया गया है.महाराष्ट्र में ब्राह्मण जाति के देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा में गैर जाट के मनोहर लाल खट्टर और झारखंड में गैर आदिवासी रघुवर दास ऐसे तीन उदाहरण हैं जिन्हें परंपरा तोड़कर मुख्यमंत्री बनाया गया.
भूमिहार जाति से हैं मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं जो यूपी में बहुसंख्यक नहीं है. यूपी में कुल आबादी के करीब एक से डेढ़ फीसदी ही भूमिहार हैं. अगर मनोज सिन्हा मुख्यमंत्री बनेंगे तो ऐसा दूसरी बार होगा जब कोई भूमिहार जाति का मुख्यमंत्री बनेगा. 56 साल पहले श्रीकृष्ण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री थे.मनोज सिन्हा का भी बिहार कनेक्शन है उनकी ससुराल बिहार के भागलपुर में है. अब नजर कल लखनऊ में होने वाली विधायक दल की बैठक पर है, जिसमें औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी और इसके बाद अमित शाह मुख्यमंत्री के नाम का एलान करेंगे.