लखनऊ : सीएम साहब सावधान ! दागी आईएएस अफसर सदाकान्त जैसे भ्रष्ट अफसरों ने ही अखिलेश सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोंकी है. अब ऐसे अफसरान आपकी स्वच्छ छवि को कलंकित करने का प्रयास बड़ी शिद्दत से कर रहे हैं. सदाकान्त ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव की हैसियत से सुप्रीम कोर्ट के हाइवे के किनारे शराबबंदी के फैसले की काट ढूंढ निकाली है. ऐसे में करीब 500 शराब की दुकानें और खुल जाएगी. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मंशा पर पूरी तरह से पानी फिर जायेगा.
पंधारी यादव के साथ मिलकर दोनों हाथों से लूट की है सदाकांत ने
गौरतलब है कि ये वही आईएएस सदाकान्त हैं, जिन्होंने आवास विभाग में महाभ्रष्ट आईएएस अफसर पंधारी यादव के संग मिलकर हज़ारों करोड़ की लूट दोनों हाथों से की है.सदाकान्त को प्रमुख सचिव और पंधारी को सचिव आवास सिर्फ बड़े बिल्डरों के इशारे पर बनाया गया. जिसके चलते पूरे प्रदेश में दागियों को अहम् तैनातियां और घोटालों का इतिहास रचा गया. मजेदार बात है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूबे में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार की जांच कराएँगे. इस भ्रष्टाचार के जिम्मेदार सदाकान्त, पंधारी और एलडीए के वीसी सत्येंद्र सिंह जैसे दागी अफसर हैं.
बॉर्डर एरिया घोटाले में सीबीआई के चंगुल में फंसे है सदाकांत
आपको बता दें सदाकान्त वही अफसर हैं, जिनके खिलाफ 200 करोड़ के बॉर्डर एरिया घोटाले में सीबीआई ने 2012 से अभियोजन मंजूरी केंद्र से मांग रखी है. फिर भी अपर मुख्य सचिव का पदनाम और महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी देकर अखिलेश ने खुद को यूपी की सत्ता से दूर कर दिया. पंधारी यादव तो पहले से मनरेगा और खनन घोटालों की सीबीआई जांच में फंसे हैं. सूबे में आपके नेतृत्व में भाजपा की सरकार नित नए और साहसभरे फैसले लेकर आम जनता जो पिछले एक दशक से भ्रष्टाचार की नासूर बीमारी से कराह रही जनता को मुक्ति दिलाने का दावा कर रही थी, आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद उसमे एक नई आशा की किरण जगी है. दो दिन पहले महाभ्रष्ट आईएएस अफसर दीपक सिंघल समेत कई अफसरों के भ्रष्टाचार का जीवंत प्रमाण गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की न्यायिक जांच इसका ताजातरीन उदाहरण है. ऐसे में जब देश की शीर्ष न्यायपालिका खुद शराब बंदी की पहल कर रही है तो शराब माफियाओं से करोड़ों रुपये लेकर सूबे के अफसर सैकड़ों नयी शराब की दुकानों को खुलवाने का मार्ग किसके आदेश पर प्रशस्त कर रहे हैं.
योगी की ईमानदार सरकार पर लग सकती है भ्रष्टाचार की मुहर
फिलहाल ये जाँच का विषय है. सीएम साहब भले ही ये शराब की दुकानें आपको अरबों का राजस्व देंगी, लेकिन सैकड़ों गरीबों की मौत से हासिल किया राजस्व आपको दशकों तक यूपी की सत्ता से भी दूर कर देगा. दरअसल सीएम साहब जनता को आपसे बड़ी उम्मीद है कि आप इस गंभीर प्रकरण को सं ज्ञान में लेकर एक नजीर पेश करेंगे. चूँकि आप एक सन्यासी हैं. समाज को भलीभांति जानते भी हैं और समझते भी हैं. ऐसे में क्या आप चाहेंगे कि आपकी साफ सुथरी छवि पर कोई दाग लगाए ? नतीजतन सीएम योगी साहब दोनों हाथों से माल बटोरने वाले ऐसे आईएएस अफसरों से होशियार हो जाइये. नहीं तो आपके करीबी बनकर ये अफसर आपकी ईमानदार सरकार पर भी भ्रष्टाचार की मुहर लगा देंगे.