32 मात्रिक छंद "शारदा वंदना"कलुष हृदय में वास बना माँ,श्वेत पद्म सा निर्मल कर दो ।शुभ्र ज्योत्स्ना छिटका उसमें,अपने जैसा उज्ज्वल कर दो ।।शुभ्र रूपिणी शुभ्र भाव से,मेरा हृदय पटल माँ भर दो ।वीण-वादिनी स्वर लहरी से,मेरा कण्ठ स्वरिल माँ कर दो ।।मन उपवन में हे माँ मेरे,कवि