shabd-logo

याद आता है

3 अप्रैल 2022

16 बार देखा गया 16
याद आता है।

गीत
तुम्हारे साथ में गुजरा, जमाना याद आता है।
जो मिलकर गुनगुनाते थे, तराना याद आता है।।

कभी जब बैठते तन्हाई में हम झील के तट पर।
उमड़ पड़ते थे सब जज्बात तेरी चाह की रट पर।।
कभी आभास मेघों का हुआ करता था घूंघट पर।
कभी उंगली फिराना वो तुम्हारा केश की लट पर।।

अभी भी हुश्न का मुझको खजाना याद आता है।
जो मिलकर गुनगुनाते थे तराना याद आता है।।

कभी मैं रूठ जाता था, तो तुम मनुहार करतीं थीं।
मुझे आगोश में लेकर बहुत ही प्यार करतीं थीं।।
अदाओं से रिझा कर तुम मुझे लाचार करतीं थीं।
वदन पर सिर्फ मेरे नाम का श्रृंगार करतीं थीं।।

वो तन्हाई में नजरों का मिलाना याद आता है।
जो मिलकर गुनगुनाते थे तराना याद आता है।।

बड़ी उलझी हुई ये जिंदगी की जंग है बांकी।
मैं तन्हा चल रहा हूं, पर तुम्हारा संग है बांकी।।
बड़ा गमगीन रहता हूं, खुशी का रंग है बांकी।
जो रावत था तुम्हारे साथ में, वो ढंग है बांकी।।

तुम्हारा साथ आकर लौट जाना याद आता है।
जो मिलकर गुनगुनाते थे, तराना याद आता है।।
रचनाकार ✍️
भरत सिंह रावत
भोपाल मध्यप्रदेश


Bharat Singh rawat की अन्य किताबें

1

मुझको गुरु का द्वार

5 सितम्बर 2021
4
10
3

<p><br></p> <p>शिक्षक दिवस के दोहा</p> <p>कूट कूट कर भर दिया,हम में कुशल विवेक।<br> <br> गुरुवर के ह

2

मात पिता के दोहे

6 सितम्बर 2021
3
10
4

<p>दोहा</p> <p>सब कुछ हासिल कर सको, यार दोबारा आप।</p> <p>लेकिन फिर से ना मिलें, दूजे मां और बाप।।</

3

मर गया

11 सितम्बर 2021
6
10
5

<p><br></p> <p>गज़ल<br> <br> सबके हक में बना , रोशनी &nbsp

4

मानवता के दोहे

11 सितम्बर 2021
9
11
5

<p><br></p> <p>दोहा<br> <br> मानवता संसार में, होती बहुत महान।<br> <br> मानवता से होत है, मानव की पह

5

उपवास रह लूँगीं

13 सितम्बर 2021
1
6
0

<div>संतान सप्तमी व्रत</div><div>उपवास रह लूँगीं</div><div><br></div><div>सहा है कष्ट मैंने तब, अभी

6

राधा

14 सितम्बर 2021
1
7
0

<div><div><div><span style="font-size: 16px;">राधा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं सहित।</span></div><d

7

संस्कार का ध्यान करो

19 सितम्बर 2021
5
5
3

<p><br></p> <p>गीत<br> <br> रामायण ने हमें सिखाया, नारी का सम्मान करो।<br> <br> ज्ञानवान बन जाओगे यद

8

नसीब का

2 अक्टूबर 2021
2
3
2

<p>नसीब का</p> <p>गज़ल<br> होता है खेल सिर्फ ,जहां में नसीब का।<br> चाहे अमीर का कहो, चाहे गरीब का।।

9

शत शत नमन हमारा है

2 अक्टूबर 2021
3
2
1

<p>शत शत नमन हमारा है।</p> <p><br></p> <p>दूसरी सर्जिकल स्टाइक पर मेरी आसू रचना।।</p> <p>आज गर्व से

10

वादा

4 अक्टूबर 2021
3
3
3

<p><br></p> <p>दोहा<br> <br> वादा ऐसा कीजिए , जिसमें रहे विधान।<br> <br> कुट

11

आदिशक्ति मां अम्बिका

13 अक्टूबर 2021
1
2
0

<p>आदिशक्ति मां अम्बिका</p> <p><br></p> <p>दोहा<br> <br> आदिशक्ति मां अम्बिका, तेरे रूप अपार।<br> <b

12

मर्यादा

19 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>मर्यादा</p> <p>मर्यादा<br> <br> मर्यादा का पालन करना, सबको बहुत जरूरी है।<br> <br> संस्कार से ह

13

प्रीत भरा परिवार

25 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>कहानी</p> <p><br></p> <p>यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है, समानता संयोग से हो सकती है।<br> <br> राकेश

14

अमानत में

9 नवम्बर 2021
1
1
1

<p>अमानत में</p> <p><br></p> <p>घायल होते देखे हमने, कुछ परबाज अमानत में।<br> <br> डाल रही हैं

15

आईना

10 नवम्बर 2021
1
1
1

<p>आईना</p> <p>मुक्तक</p> <p>गरीबी का नहीं आभास होता धन के दर्पण में।</p> <p>मगर अन्याय दिखता है, हर

16

इक्हत्तर की भूलें

27 नवम्बर 2021
1
1
0

<div>इक्हत्तर की भूलें।</div><div><div align="left"><p dir="ltr">घनाक्षरी छंद<br> एक लाख सैनिकों को,

17

मेरे भोलेनाथ

2 दिसम्बर 2021
3
3
3

<div>दोहे</div><div>मेरे भोलेनाथ।</div><div><div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">श्रृद

18

मिलती है

15 दिसम्बर 2021
0
1
0

<div>आपकी नजर</div><div><div align="left"><p dir="ltr">गज़ल<br> कहां तरक्की बोलो र

19

याद आता है

3 अप्रैल 2022
1
1
0

याद आता है।गीत तुम्हारे साथ में गुजरा, जमाना याद आता है। जो मिलकर गुनगुनाते थे, तराना याद आता है।। कभी जब बैठते तन्हाई में हम झील के तट पर। उमड़ पड़ते थे सब जज्बात तेरी चाह की रट पर।। कभी आभास मेघों

20

क्या भरोसा

19 अक्टूबर 2022
0
0
0

क्या भरोसाएक गजल आपकी खिदमत में क्रूरतम हाथों का संम्बल क्या भरोसा । आज सा स्नेह हो कल क्या भरोसा।। बदलते ऋतु चक्र का सँदेश है ये। पेड पर कल भी लगें फ़ल क्या भरोसा।। मेघ न

21

अपने घर में दीप

23 अक्टूबर 2022
0
0
0

दोहेरूप चतुर्दशी के दोहारूप चतुर्दशी आज है, निर्मल कीजे देह।उवटन मल स्नान कर, खूब बढ़ाएं नेह।।नरक चतुर्दशी भी कहें,इसे बहुत से लोग।आज नहाए जो नहीं, उसको व्यापें रोग।।पावन आप बनाईए, घर आंगन को लीप

22

नमामि मातु भारती

27 दिसम्बर 2022
0
0
0

भवानी तेरे रूप की उतारते हैं आरती। हे आदिशक्ति कालिका, भवानी मातु भारती।। कुचक्र चक्र को मिटाती, तू समय की चालिका। दुरात्मा का खात्मा, तू करती न्याय पालिका।। प्रचंड रूप धर जरा तू, आज मातु कालिका। निशा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए