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मेरे भोलेनाथ

2 दिसम्बर 2021

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दोहे
मेरे भोलेनाथ।

श्रृद्धा से भक्ती करे, शक्ती शिव की साथ।
देवों  के  महादेव  हैं, मेरे         भोलेनाथ।।

गरल हलाहल पान कर, लिया कंठ में थाम।
तब से बाबा को मिला, नीलकंठ है नाम।।

लाए  थे  बारात  में , भूत प्रेत को  साथ।
तब से दुनिया कह रही, हो भूतों के नाथ।।

कैलाशी भी आप हो, कहलाते महाकाल।
गंगाधर भी नाम है, चन्द्र सम्हाले भाल।।

शशिधर भी कहलाओ प्रभु, और उमापति नाम।
तुम  बाबा   केदार   हो ,  दुनिया  के  सुखधाम।।

बाघम्वर  धारी  तुम्ही,  तुम हो काशीनाथ।
विश्वनाथ कहलाओ तुम, देते सबका साथ।।

डमरूधर  भी  नाम  है, वर्धा के असवार।
औघड़दानी आप हो, दुनिया के करतार।।

त्रिपुरारी तुमको कहें, जग के नर अरु नार।
द्वादस ज्योतिर्लिंग की, महिमा अपरम्पार।।

पशुपति नाथ महान तुम, तुम्ही कहाओ महेश।
महादेव   नत   आपको ,   होते   शारद  शेष।।

ओमकार भी आप हो, कर में धरे त्रिशूल।
रावत को कैलाशपति, कभी न जाना भूल।।
रचनाकार ✍️
भरत सिंह रावत 
भोपाल मध्यप्रदेश

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