नई दिल्ली : ब्रिक्स सम्मलेन से पहले भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण 16 समझौतों हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने एस 400 एयर डिफ़ेन्स सिस्टम से लेकर ऑयल और गैस को लेकर भी अहम समझौते किये। ऑयल के क्षेत्र में भारत की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल कंपनी एस्सार ऑयल ने अपनी 98 फीसदी हिस्सेदारी रूस की प्रमुख ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट और ऑयल ट्रेडिंग कंपनी ट्रैफीगुरा (Trafigura) और यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स को बेचने की घोषणा की है।
रुइया भाइयों की कंपनी एस्सार को रूसी की कंपनी 13 बिलियन डॉलर में खरीदेगी, यह पूरा सौदा नकद में होगा। सूत्रों की माने तो रुइया बंधुओं ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की थी। रुइया बंधुओं को एस्सार ऑयल की रिफाइनिंग और रिटेल आउटलेट्स संपत्ति की बिक्री से 72,800 करोड़ रुपए और आसन्न वाडिनार बंदरगाह और संबंधित बुनियादी सुविधाओं की बिक्री से 13,300 करोड़ रुपए मिलेंगे।
बता दें कि रुइया भाइयों की एस्सार ऑयल पर बैंकों का करोड़ों का कर्ज है। आंकड़ों के अनुसार एस्सार पर एक लाख करोड़ रूपये का लोन है। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने रविकांत रुइया को विदेश जाने की अनुमति नही दी थी। अदालत का कहना था की उद्योगपति देश से बाहर जाते हैं और लौटकर नही आते हैं।
एस्सार दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी, जो गुजरात के वाडिनार में स्थित है। एस्सार की की क्षमता 2 करोड़ टन प्रति वर्ष है। कंपनी के पास 1010 मेगावाट का कैप्टिव पावर प्लांट और 2700 चलते हुए पेट्रोल पंप का रिटेल नेटवर्क भी है।