लखनऊ : सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके अधिकारियों और कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्त की मुख्य सचिव राजीव कुमार द्वारा आरम्भ कर दी गई है।
यधपि स्क्रीनिंग प्रत्येक वर्ष किये जाने की व्यवस्था लगभग 30 वर्ष पुरानी है परंतु किसी सरकार द्वारा इस व्यवस्था की ओर ध्यान नही दिया जाता था।इसके विपरीत अक्षम अधिकारियों को पिछली सरकार द्वारा बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के उपरांत सेवा विस्तार का लाभ प्रदान किया गया।तत्कालीन मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने तो अपने चहेतों और चाटुकारों को खुले दिल से सेवाविस्तार का अवसर दिया।प्रमुख सचिव वित्त रहते हुए तो राहुल भटनागर ने सारी सीमाये ही तोड़ दी थी,व्यक्ति काम करने लायक हो या न हो,उनकी कृपा से उसकी किस्मत जाग जास्ती थी।
अब सरकार ने ऐसे सरकारी सेवकों को चिह्नित कर 31 जुलाई तक उनकी सूची मांगी थी लेकिन, अभी पूरी तरह यह तैयार नहीं हो सकी है। इस सिलसिले में शुक्रवार को पीसीएस अफसरों की स्क्रीनिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें करीब 50 पीसीएस अफसर चिह्नित किए गए। अभी बहुत से अफसरों के रिकार्ड अधूरे हैं इसलिए आगे फिर यह बैठक होगी।
स्क्रीनिंग का शासनादेश 32 वर्ष पहले का है कि नियुक्ति प्राधिकारी किसी भी समय सरकारी सेवक को नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए उसके 50 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के पश्चात सेवानिवृत्त हो जाने की अपेक्षा कर सकता है। इसके लिए तीन माह की नोटिस देनी होगी। पहले केंद्र की मोदी सरकार ने ऐसे अफसरों की छंटनी में तेजी दिखाई तो उसी राह पर चलते हुए योगी सरकार ने भी कदम बढ़ा दिए। अब विभागवार और संवर्गवार 50 उम्र पार अधिकारी-कर्मचारी को चिह्लित करने का अभियान तेजी से चल रहा है।
शुक्रवार की बैठक में यूं तो 50 पीसीएस अफसरों के खराब रिकार्ड, दागी छवि, पूर्व में की गई गंभीर कार्रवाई जैसे मामले आए लेकिन, मुख्य सचिव ने कहा कि इसमें हड़बड़ी की जरूरत नहीं है। उन्होंने चिह्नित करने की कसौटी को निष्पक्ष बनाने और ऐसे लोगों को रिटायर करने के निर्देश दिए जो वाकई बोझ बने हैं। इस दौरान अपर मुख्य सचिव नियुक्ति दीपक त्रिवेदी भी मौजूद थे।
स्क्रीनिंग कमेटी को यह हिदायत दी गई कि जो भी नाम चिह्नित करें उनके पूरे रिकार्ड की समीक्षा करें। ऐसी चूक न हो कि न्यायालय में जाकर कोई लाभ उठाए। इसलिए पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और ईमानदारी बरतने की हिदायत दी गई।