नक्षत्र घड़ी की अशुद्धि को जानने के लिए याम्योत्तर यंत्र (transit instrument) द्वारा सूर्य अथवा तारों का वेध करके, क्रोनोमीटर नामक यंत्र की सहायता से, उनके याम्योत्तर लंघन का नक्षत्र समय जान लिया जाता है।
नाक्षत्र घड़ी से मिलाकर, याम्योत्तर यंत्र के दूरदर्शी में ग्रह या तारे के बेध के नक्षत्र समय को क्रोनोमीटर का स्विच दबाकर जान लिया जाता है। इस समय से यांत्रिक अशुद्धियों को निकाल देने पर जो समय प्राप्त होता है, वही ग्रह या तारे के याम्योत्तर के ऊर्ध्व बिंदु के लंघन का समय होता है। यदि नाक्षत्र पड़ी ठीक है, तो यह ग्रह या तारे के विषुवांश के तुल्य होगा और अंतर घड़ी की अशुद्धि है। इस प्रकार नक्षत्र घड़ी को शुद्ध रखकर उससे माध्य सूर्य घड़ियों को शुद्ध किया जाता है। याम्योत्तर यंत्र द्वारा वेध करने में व्यक्तिगत अशुद्धि की अधिक संभावना है। इसलिए तारों के याम्योत्तर लंघन के नक्षत्र समय को कैमरा लगे खमध्य दूरदर्शकों (zenith tubes) से भी जाना जाता है।
इस प्रकार यद्यपि माध्य समय की घड़ियों को ठीक रखा जाता है, तथापि उनमें दैनिक संशोधन करना एक समस्या थी। इसलिए आजकल घड़ियों के सेकंड सूचक उपकरण क्वार्ट्ज के क्रिस्टलों (quartz crystals) से बनाए जाते हैं। क्वार्ट्ज के क्रिस्टलों पर उष्णता का प्रभाव बहुत कम पड़ता है। अतएव ये घड़ियाँ बहुत शुद्ध समय देती हैं। इनमें सेकंड के हजारवें भाग तक की अशुद्धि जानी जा सकती है। साथ इस घड़ी को उस तरह की दूसरे स्टेशनों पर रखी घड़ियों के समय संकेतक, पिप्, को सुनकर, मिलाया जा सकता है तथा इससे समय संकेतक (time signals) पिप् भेजे भी जा सकते हैं। इस प्रकार की एक घड़ी काशी की प्रस्तावित, राजकीय संस्कृत कालज वेधशाला के लिए सन् 1953 में मँगवाई गई थी, जो अब राजकीय वेधशाला नैनीताल में है। इस प्रकार की घड़ियों से देश की मुख्य घड़ियों को ठीक करके, रेडियो के समय सकेंतक "पिप्" से सब माध्य सूर्यं घड़ियाँ ठीक रखी जाती हैं।
आजकल प्रत्येक देश में मध्यरात्रि के समय को शून्य मानकर, वहीं से दिन का प्रारंभ मानते हैं। दिन रात के 24 घंटों को दो 12 घंटों में, (1) रात के बारह बजे से 12 घंटों तक पूर्वाह्नकाल तक तथा (2) दिन के 12 बजे से रात्रि के 12 बजे तक अपराह्नकाल में, बाँट दिया जाता है। हमारी घड़ियाँ यहीं समय बतलाती हैं। इन 24 घंटों को नागरिक दिन कहते हैं। दिन में 24 घंटे, 1 घंटे में 60 मिनिट तथा एक मिनट में 60 सेकंड होते हैं। विज्ञान की अंग्रेजी मापन प्रणाली फुट सेकंड में तथा अंतरराष्ट्रीय प्रणाली सेंटीमीटर ग्राम सेकंड में सेकंड ही समय की इकाई है।