नई दिल्ली : अगर आप किसी भी केमिस्ट से बिना डाक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को सचेत किया है कि वह एंटीबायटिक्स दवाओं की अवैध बिक्री और इसके दुरूपयोग पर लगाम लगाएं। केंद्र सरकार ने ये फैसला भारत घूमने आई एक अमेरिकी महिला की सुपर बग से संक्रमण से मौत के बाद लिया है। फीमर टूटने के बाद उसे हड्डियों का संक्रमण हो गया और वह दो साल से ज्यादा समय के दौरान कई बार भारत में अस्पताल में भर्ती हुई थी।
कम प्रतिरोधक क्षमता वाला कोई भी व्यक्ति अगर एंटीबायोटिक्स बिना डॉक्टरी सलाह के लेता है तो वह बेहद खतरनाक हो सकता है। औषधि महानियंत्रक का कहना है कि सभी राज्यों के दवा नियंत्रकों को परामर्श जारी किया गया है कि वे एंटीबायोटिक्स की मनमानी बिक्री पर लगाम लगाएं। साथ ही यह निर्देश दिया है कि कोई भी दवा विक्रेता या चिकित्सक से वैध पर्चे के बिना दवा न खरीदे और न ही इसकी बिक्री करने दी जाये।
डीसीजीआई के मुताबिक अगर कम ताकतवर एंटीबायोटिक्स को भी उचित मात्रा से ज्यादा लिया जाए तो घातक सिद्ध हो सकता है। सिंह ने एंटीबायोटिक्स की अनावश्यक डोज लेने से लोगों को रोकने पर जोर देते हुए कहा कि एंटीबायोटिक्स के दुरुपयोग से एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध भी विकसित हो सकता है।
अभी भी चिकित्सक के पर्चे के बगैर एंटीबायोटिक्स की बिक्री पर रोक है, लेकिन केमिस्ट मानकों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं। इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाए जाने की जरूरत है। अगर कोई भी दवा बिक्रेता बगैर चिकित्सक की पर्ची के बिक्री करते हुए पकड़ा गया तो उस केमिस्ट का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। नेटहेल्थ के महासचिव अंजन बोस ने कहा कि राज्य नियामकों को परामर्श भेजना सही दिशा में उठाया गया कदम है।