नई दिल्ली : अगले साल यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने कमर कस ली है. जिसके चलते चुनाव के दौरान सूबे में कोई बवालबाज़ी न हो सके. इसको लेकर चुनाव आयोग बड़ा सख्त दिखाई दे रहा है. यहीं नहीं आयोग के आदेश पर भड़काऊ भाषण से दंगा भड़काने वाले नेताओं की तैयार कराई गयी सूची में सबसे ऊपर नाम जिन नेताओं का बताया जा रहा है उनमें बीजेपी सांसद योगी आदित्य नाथ और समाजवादी पार्टी के नगर विकास मंत्री आज़म खान का नाम सबसे ऊपर शामिल है.
आज़म और अमित शाह पर रहेगी नजर
स्थानीय ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक राज्य में होने वाली चुनावी सभा में इन दोनों नेताओं द्वारा एक तरफ़ा वोट बटोरे जाने के लिए सपा नेता आज़म खान जहां मुस्लिमों को हिन्दू नेताओं के खिलाफ भड़का सकते हैं वहीँ योगी आदित्य नाथ हिंदुओं को एकजुट करने के लिए अपनी सभा में भड़काऊ भाषण दे सकते हैं. यही नहीं इस सूची में पिछले चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी शामिल है. ख़ुफ़िया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताते हुए कहा है कि सूबे में तकरीबन चार दर्जन ऐसे नेता हैं, जो चुनाव के दौरान इस तरह के भड़काऊ भाषण दे सकते हैं. इसलिए उनकी सभाओं के दौरान पहले से ही पुलिस बल तैनात करना अच्छा होगा.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिली थीं शिकायतें
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग के आदेश पर तैयार की गयी इस लिस्ट में पिछले चुनावो में नेताओं के क्रियाकलापों और भाषणों में इस्तेमाल भाषा के स्तर के आधार पर नाम तय किये गए हैं. इस लिस्ट में बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस सहित कई राजनैतिक दलो के कई कद्दावर नेताओं के नाम भी शामिल हैं. गौरतलब है कि लोकसभा चुनावो के दौरान भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर भड़काऊ बयान देने की शिकायतें सामने आयी थीं. वहीँ बाद में हुए उपचुनावो में भी राजनैतिक दलो के चुनावो मंचो से भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले भाषणों का सिलसिला जारी रहा.
चुनाव आयोग ने कसी कमर
बहरहाल इस बार 2017 में होने जा रहे विधानसभा चुनावो से पहले ही चुनाव आयोग यह तय कर लेना चाहता है कि कौन- कौन से लोग संदिग्ध हैं, जिनकी सभाओं और क्रियाकलापो पर ख़ास नज़र रखने की ज़रूरत पड़ सकती है. इसीलिए पुराने रिकॉर्ड के आधार पर पहले से ही लिस्ट बनायीं गयी है.