
नई दिल्लीः दिन-तीन अक्टूबर। समय-करीब साढ़े छह बजे। जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) की वेबसाइट हैक हुई उस समय राजस्थान का यह 24 साल का युवा एक ऑर्डर की कॉपी लेने के लिए वेबसाइट विजिट कर रहा था। अचानक वेबसाइट पर पाकिस्तानी गाना बजने लगा तो स्क्रीन भी काली पड़ गई। फिर पाकिस्तानी हैकर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने की बात कही। और साइट पर लिखा-हमें कोई मार नहीं सकता। पाकिस्तान की बौखलाहट भरा पेज भी अपलोड कर दिया। करीब एक घंटे साइट के हैक रहने का यह युवा चश्मदीद रहा। फिर हैकर्स का पता लगाने में जुट गया। भारतीय खुफिया एजेंसियों से पहले इस युवा ने खोज निकाला की देश के राष्ट्रीय हरित अधिकरण की वेबसाइट हैक करने वाला एक पाकिस्तानी है। नाम है- बिलाल अशरफ। हैकर की आइपी है 104.27.175.122। नीलेश पुरोहित ने 'इंडिया संवाद' से पाकिस्तानी हैकर्स को खोज निकालने की पूरी कहानी साझा की। चूंकि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने फिलहाल नीलेश को सुबूत सार्वजनिक करने से मना किया है, इस नाते 'इंडिया संवाद'
अपने पास मौजूद हैकर्स से जुडे कई सुबूत होने के बाद भी उन्हें पब्लिश नहीं कर रहा। क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
रिसर्च में मिलीं चौंकाने वाली जानकारी
तीन अक्टूबर की शाम करीब 6ः40 से 7ः30 के बीच हैकर्स ने www.greentribunal.gov.in वेबसाइट पर कब्जा जमा लिया। जब नीलेश पुरोहित ने सर्च करना शुरू किया तो रात करीब दस बजे पाकिस्तान से हैक होने की बात पुख्ता हुई। नीलेश ने सोमवार शाम से बुधवार की सुबह तक रिसर्च किया तो कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। पता चला कि हैकर्स के निशाने पर भारत की कई साइट्स हैं। जिसके जरिए वे कॉमर्सियल और गवर्नमेंट सेक्टर से लेकर हर तरह की प्रोफेशनल्स और कंपनीज की वेबसाइट्स को हैक कर भारत पर साइबर हमले की तैयारी कर रहे हैं।
यूं पाकिस्तानी हैकर तक पहुंचे नीलेश
जब एनजीटी की वेबसाइट हैक हुई तो उस पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान में फ्री सांग डाउनलोड की सुविधा देने वाली म्यूजिक कंपनी का गीत बज रहा था। नीलेश ने इस कंपनी के संचालक का पता लगाने की दिशा में काम शुरू किया। हैकर्स ने एनालिटिक लगा दिया था। जिससे उसे पता चल रहा कि एनजीटी की साइट पर कितने लोग विजिट कर रहे हैं। यानी हैकर पूरी तरह से एनजीटी की साइट पर हावी हो चुका था। फिर नीलेश ने एफटीपी यानी फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल तक पहुंचने की कोशिश की मगर इसमें असफल रहे। फिर नीलेश ने सोचा कि एनजीटी का वेबपेज डाउनलोड कर लिया जाए मगर यह भी नहीं हो पाया। कुछ वायरस दिखने लगे। ऑनलाइन खोजबीन के बाद पता चला कि यह गाना song x.pk नामक कंपनी का है। जब नीलेश ने इस कंपनी की वेबसाइट के आइपी अड्रेस खंगालना चाहा तो नहीं पता चल पाया कि क्योंकि हैकर ने अमेरिका से इसे छुपा रखा था। नीलेश के मुताबिक हर वेबपेज के डोमने में एक Whois लिस्ट होती है। मगर इसे खंगालने के बाद भी हैकर्स के बारे में ठोस जानकारी नहीं मिल सकी। इस बीच रिसर्च के दौरान एक वेबसाइट पर म्यूजिक सर्विस कंपनी से जुड़े हैकर्स बिलाल अशरफ के बारे में पता चला। उसके आइपी अड्रेस का भी खुलासा हुआ।
पाक का यह ग्रुप कर रहा भारतीय साइट्स को हैक
पाकिस्तान और बांग्लादेशी हैकर्स का संगठित गिरोह भारतीय साइट्स को निशाना बना रहा है।
पाकिस्तान में हैकिंग से जुड़ा ग्रुप गुजरावालां इलाके का है। इसमें कुछ लोग बलूचिस्तान से भी जुड़े हैं। इस गिरोह का नाम है-D4RK 4NG-31इससे पहले भी एनजीटी की वेबसाइट्स को पाकिस्तानी हैकर निशाना बना चुके हैं। यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट के बार काउंसिल की वेबसाइट भी पू्र्व में हैक हो चुकी है।
अभी कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे नीलेश
24 वर्षीय नीलेश फिलहाल कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे हैं। कंप्यूटर की बारीकियों की अच्छी-खासी जानकारी रखते हैं। हैकिंग की दुनिया से जुड़ी जानकारियां जानने में उत्सुकता रखते हैं। वेब डिजाइनिंग, मोबाइल एप डेवलपमेंट में माहिर हैं। इस समय राजस्थान के अपने गृहजनपद पाली के नाम से सोशल साइट्स पर माईपॉलीडाटइन नामक वेबपेज भी चलाते हैं। जिस पर वे खबरों से अपने जिले के लोगों को अवगत कराते हैं। अपने पाली जिले में किसानों की एनजीटी में एक अपील से जुड़े अॉर्डर तलाशने के लिए जब वे एनजीटी की वेबसाइट पर गए थे उसी समय वेबसाइट हैक हो गई।
