नई दिल्ली: ठन्डे बस्ते में धरी वित्त मंत्रालय की कुछ अहम फाइलों पर फिर से कार्रवाई की जारही है. ये फाइलें गुजरात के दो बड़े बिज़नेस हाउस अडानी और एस्सार ग्रुप की हैं. दोनों पर अरबों रूपए के आयात घपले के आरोप हैं.
सूत्रों ने बताया की प्रधानमंत्री मोदी के सख्त निर्देश के तहत पीएमओ ने वित्त एवम राजस्व सचिव को टैक्स और कस्टम ड्यूटी के मामलों में 'जीरो टॉलरेंस' बरतने को कहा है. पीएमओ से निर्देश मिलते ही दो पुराने मामलों में डायरेक्टरेट आफ रेवेनुए इंटेलिजेंस (DRI ) ने अडानी को 800 करोड़ के कस्टम मामले में और एस्सार ग्रुप को 500 करोड़ के घपले में ताज़ा शो कॉज नोटिस भेजा है. सूत्रों ने बताया की पावर प्लांट में मशीन आयात करने को लेकर अडानी ग्रुप ने भारी हेरा फेरा की थी. इस गड़बड़ी के पकडे जाने पर DRI के अधिकारियों ने अडानी ग्रुप के खिलाफ मामला दर्ज किया था लेकिन काफी समय से फाइल धूल खा रही थी." दरअसल एक इम्प्रैशन ये बना हुआ है कि अडानी और एस्सार गुजरात से जुड़े होने के नाते प्रधानमंत्री के करीब हैं. इसलिए अधिकारी उनके खिलाफ उचित करवाई से कतराते हैं.लेकिन हकीकत कुछ और है" संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने इंडिया संवाद को बताया.
DRI के मुम्बई दफ्तर के मुताबिक कई और कॉरपरेट घरानों को नोटिस दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर कंपनियों ने पावर प्लांट के नाम से विदेश से कोयला आयात किया लेकिन अंतराष्ट्रीय बाजार से कहीं ज्यादा उसकी कीमत को दस्तावेजों पर दर्ज किया था. यही नही कोयला सीधे भारत आया लेकिन भुगतान दुबई और सिंगापुर में अलग अलग कम्पनियों के मार्फ़त किया गया. इस तिगड़म के पीछे हवाला के ज़रिये कालाधन देश से बाहर ले जाने और लाने का खेल था जिसकी जांच की जा रही है.