नई दिल्लीः अगर कुछ ठान लिया जाए तो उसे करने का रास्ता निकल आता है और अगर कुछ करना नहीं है तो हजार बहाने सूझेंगे। यही बात साबित किया है कानपुर की एक गरीब महिला लता देवी ने। लता ने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की हैं मगर स्वच्छता की अहमियत पढ़े-लिखों से भी ज्यादा समझती हैं। यही वजह है कि पीएम मोदी की रेडियो पर की जा रही अपील कानों में पड़ते ही लता ने पहले पति से घर में शौचालय बनाने की बात की तो पति ने पैसे न होने पर हाथ खड़े कर दिए। ब्लॉक का चक्कर काटा मगर सरकारी इमदाद नहीं मिली। जिससे परेशान होकर इस महिला ने घर में शौचालय के सपने को पूरा करने के लिए अपनी सुहाग की निशानी यानी सोने के मंगलसूत्र को ही बेचने का फैसला कर लिया और बनवा दिया घर में शौचालय। इसी के साथ लता देवी कानपुर में स्वचछता अभियान की रोल मॉडल भी बन गईं।
मोदी के जन्म दिन पर संस्था ने दिया दो लाख इनाम
जब एक गरीब महिला के सुहाग की निशानी बेचकर शौचालय बनाने की खबर एक संस्था को हुई तो उसने लता को दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया। लता को गले में पहनने के लिए गोल्ड मेडल दिया गया तो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी गई। संस्था ने यह सम्मान पीएम मोदी के जन्मदिन पर दिया।
शौच के लिए बेटियां घर के बाहर जाने में नहीं होंगी शर्मसार
बीते 25 मई को जब मंगलसूत्र के पैसे से जब घर में शौचालय बना तो लता खुशी से फूले नहीं समाई। क्योंकि उनकी तीन बेटियों को अब शौच के लिए घर से बाहर जाने में शर्म का सामना नहीं करना पड़ेगा। लता का कहना है कि मायके की गरीबी के कारण वह पढ़ लिख नहीं पाई। तब मायके में शौचालय न होने से बाहर जाने में असुरक्षा के साथ शर्म महसूस हुई थी। उसने तय किया था कि ससुराल में वह शौचालय बनवाएगी। जब तीन बेटियां हुईं तो वह बाहर शौच के लिए मजबूरी में जाने लगीं। जब तक घर नहीं लौटतीं थीं तब तक अनहोनी की आशंका से मन कांप उठता था।