लखनऊ : 50 करोड़ की जमीन का किराया सिर्फ एक रुपये सालाना. समाजवादी सरकार में वक्फ मंत्री रहे आजम खान के रोज नए कारनामे खुल रहे हैं. ये मामला है रामपुर में सुन्नी वक्फ घोटाले का. दरअसल आजम खान ने रामपुर में जुहर फारूखी नाम के एक शख्स के जरिए अपने खासमखास आले हसन को सुन्नी यतीमखाना व रामपुर की दूसरी वक्फ प्रॉपर्टी का मुतवल्ली बना दिया. यहां खास बात ये है कि आले हसन खुद यूपी पुलिस में सीओ रैंक के अधिकारी हैं. शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में घोटाले की जांच कर रही तथ्य खोजी समिति की रिपोर्ट के मुताबिक आजम खान ने ऐसा अपने परिवार के ट्रस्ट को फायदा पहुंचाने के लिए किया.
आजम की पत्नी तंजीम के ट्रस्ट को दी
रिपोर्ट के मुताबिक आले हसन ने 3 एकड़ ज़मीन पर बनी वक्फ की प्रॉपर्टी आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के ट्रस्ट को किराए पर दे दी, वो भी महज ₹1 की सालाना दर पर. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि एक रुपये में तो अब एक टॉफ़ी भी नहीं खरीदी जा सकती है. इस घपले के बाद आले हसन वापस पुलिस अधिकारी की भूमिका में आ गया और उसने इस इस यतीमखाने की जमीन पर जो बत्तीस परिवार पचास साल से रह रहे थे, उनके आशियानों पर रातभर में बुलडोजर चला दिया.
आज़म की होगी सीबीआई जांच
इस रिपोर्ट में आज़म और उनकी पत्नी के ख़िलाफ़ षडयंत्र कर वक़्फ़ की ज़मीन हड़पने के मामले में आपराधिक साजिश, झूठे मुकदमे दर्ज करवाना, फ़र्ज़ी आदेश जारी करवाना के तहत एफआईआर की सिफारिश की गई है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस मामले की सीबीआई से जांच की जरूरत है. अब देखना ये है कि क्या ये सीबीआई जांच होती है और अगर होती है तो कब होती है?