नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी में मची घमासान ने यूपी के कद्दावर नेता आज़म खान को मुश्किल में डाल दिया है. जिसके चलते आज़म खान अब इस बीच मझदार में फंस गए हैं कि अगर अखिलेश चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने की घोषणा कर देते हैं तो वह किसके पाले में रहें.
आज़म ने थाम रखा है बाप- बेटे का हाथ
सूत्रों के मुताबिक वजह साफ है की बाप-बेटे के बीच पिछले कई हफ़्तों से चल रही घमासान में पार्टी के कई लोग बलि का बकरा बन चुके हैं. बताया जाता है कि इसीलिए आज़म खान अपने कदम बढ़ाने से पहले बड़ा फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं. बताया जाता है की आज़म खान अब इस सोच में डूबे हुए हैं कि अगर वह नेताजी को छोड़कर जाते हैं तो वह उनसे नाराज हो जायेंगे. आज़म के नजदीकि सूत्रों का कहना है कि खां साहब कभी डूबती नांव की सवारी नहीं करते. इसीलिए अब तक वह बाप - बेटे दोनों को साथ लेकर चल रहे हैं.
आज़म पहले से घुटन महसूस कर रहे हैं
सूत्रों के मुताबिक अपने बेटे अब्दुल्लाह आज़म को गृह जनपद रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी में लगे सूबे के कबीना मंत्री आज़म ने इसीलिए अभी तक मुलायम और अखिलेश दोनों को पकड़ रखा है. बताया जाता है कि अगर अखिलेश सीएम रहते नई पार्टी अपनी बनाने की घोषणा करते हैं तो आज़म उनके साथ चले जायेंगे. और अपने पुराने दोस्त मुलायम सिंह यादव की सपा को बाई -बाई बोल देंगे. आज़म के नजदीकि जानकारों का कहना है कि वह सपा में अमर सिंह और जयाप्रदा के आने के बाद से पहले से ही पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं.
आज़म को मिल गया नया घर
जिसके चलते उनके पास अभी तक सपा को छोड़कर जाने का मात्र एक ही विकल्प था और वह विकल्प एक मात्र बसपा का था. लेकिन बसपा में मायावती के आगे आज़म खान की सपा पार्टी की तरह नहीं चलती, जिसकी वजह से वह सपा में ही रहते हुए अपना नया रास्ता खोज रहे थे. लेकिन इधर बाप- बेटे के बीच खींची तलवारों के बाद जब अखिलेश ने नई पार्टी बनाने का मन बनाया तो मन ही मन आज़म खान खुश हो गए.
अखिलेश की पार्टी में शामिल हो सकते हैं आज़म
फिलहाल यह बात साफ है कि अगर सीएम अखिलेश को फिर से मुलायम सिंह प्रदेश अध्यक्ष का पद और पार्टी के टिकट बंटवारे का छीना गया अधिकार वापस नहीं करते हैं तो वह अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं. ऐसे में नगर विकास मंत्री आज़म खान सीएम अखिलेश की पार्टी में शामिल होना तय माना जा रहा है. यही नहीं वह अपने बेटे अब्दुल्लाह को भी अखिलेश की पार्टी से चुनाव लड़वाने के मूड में हैं.